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धर्म-अध्यात्म
मोती रत्न का मां लक्ष्मी से क्या है संबंध, जानिए
Ritisha Jaiswal
9 July 2021 10:14 AM GMT
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वैज्ञानिक दृष्टि से मोती एक जैविक पदार्थ है, लेकिन इसे नवरत्नों में शामिल किया जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वैज्ञानिक दृष्टि से मोती एक जैविक पदार्थ है, लेकिन इसे नवरत्नों में शामिल किया जाता है। भारतीय ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह का संबंध किसी न किसी रत्न से माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, ग्रह से संबंघित रत्न धारण करने से व्यक्ति के ग्रह दोष को समाप्त किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ रत्नों का संबंध हिंदू देवी- देवताओं से भी माना जाता है। ऐसे ही मोती को चंद्रमा का रत्न तो माना जाता है, लेकिन मोती माता लक्ष्मी का भी प्रिय रत्न है। सफेद मोती धारण करने से माता लक्ष्मी की विषेश कृपा प्राप्त की जा सकती है। आइए जानते हैं मोती पहनने के क्या-क्या लाभ हैं...
मोती रत्न का मां लक्ष्मी से संबंध
समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के अनुसार, मां लक्ष्मी का जन्म समुद्र से हुआ है और मोती भी हमें समुद्र से ही प्राप्त होता है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी को मोती अति प्रिय है। मोती का प्रयोग मां लक्ष्मी को चढ़ाने के लिए भी किया जाता है। दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा में सच्चा मोती चढ़ाने से मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और आपके घर में धन –धान्य की वृद्धि करती हैं। मोती को गले में माला के रूप में या छोटी उंगली में धारण करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।
मोती धारण करने के लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोती का संबंध चंद्रमा ग्रह से है। लेकिन सफेद रत्न होने के कारण मोती धारण कर मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को भी प्रसन्न किया जा सकता है। मोती धारण करने से मन शांत रहता है, तनाव में कमी आती है। जिनको अवसाद या अन्य कोई मानसिक समस्या हो, उन्हें सफेद या क्रीम कलर का मोती छोटी उंगली में धारण करना चाहिए। मोती धारण करने से मां लक्ष्मी की कृपा आप पर सदा बनी रहती है तथा आपके घर में कभी धनाभाव नहीं होता है। मोती को चांदी की अंगूठी में पहनना चाहिए।
Ritisha Jaiswal
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