धर्म-अध्यात्म

क्या है भगवान सूर्य और शनिदेव का संबंध, जाने

Subhi
11 Jan 2022 2:21 AM GMT
क्या है भगवान सूर्य और शनिदेव का संबंध, जाने
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15 जनवरी को मकर संक्रांति है। इस दिन सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं। अतः मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव के साथ शनिदेव की भी पूजा करने का विधान है।

15 जनवरी को मकर संक्रांति है। इस दिन सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं। अतः मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव के साथ शनिदेव की भी पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण के साथ ही खरमास भी समाप्त होता है। अतः मकर संक्रांति पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाकर तिलांजलि करते हैं। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा, जप और दान करने से व्यक्ति के सभी पाप कट जाते हैं। साथ ही उनके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि सूर्यदेव और शनिदेव के बीच क्या संबंध है ? आइए, पौराणिक कथा के माध्यम से जानते हैं-

क्या है कथा

किदवंती है कि चिरकाल में भगवान सूर्य का विवाह संज्ञा से संपन्न हआ। विवाह उपरांत संज्ञा अपने ससुराल सूर्यलोक चली गई। हालांकि, संज्ञा अपने पति सूर्यदेव की तेज से हमेशा विचलती रहती थी। उनके लिए सूर्यदेव की ताप झेलना बेहद कठिन था। किसी तरह संज्ञा सूर्यलोक में जीवन व्यतीत कर रही थी। इस दौरान संज्ञा को तीन संतान की प्राप्ति हुई, जो क्रमश: मनु, यमराज और यमुना हैं। कालांतर में एक बार संज्ञा अपनी याचिका (सूर्य की तेज) लेकर अपने पिता के पास पंहुची। हालांकि, उनके पिता ने यह कहकर संज्ञा की याचिका ठुकरा दी कि विवाह उपरांत कन्या का घर मायके में नहीं,बल्कि ससुराल में होता है

यह सुनकर संज्ञा लौटकर पुनः सूर्यलोक आ गई। उसी समय संज्ञा ने सूर्य देव से दूर रहने की सोची। इसके बाद संज्ञा ने दैविक शक्ति का उपयोग कर अपनी छवि अनुरूप संवर्णा की उत्पत्ति की। सभी जिम्मेवारी संवर्णा को सौंपकर संज्ञा तप करने चली गई। संवर्णा ने सूर्यदेव को आभास नहीं होने दिया कि वह संज्ञा की हम साया है। कालांतर में संवर्णा से शनिदेव का जन्म हुआ। हालांकि, अति तप और भक्ति के चलते गर्भ में शनिदेव का रंग श्याम हो गया था। जब शनिदेव का जन्म हुआ, तो सूर्यदेव को संदेह हुआ कि शनिदेव उनकी संतान नहीं है।


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