धर्म-अध्यात्म

क्या है वैशाख अमावस्या का महत्व

Apurva Srivastav
18 April 2023 4:42 PM GMT
क्या है वैशाख अमावस्या का महत्व
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हिंदी पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन अमावस्या पड़ती है. ऐसे में वैशाख माह में पड़ने वाली अमावस्या को वैशाख अमावस्या के नाम से जाना जाता है. आपको बता दें कि इस बार वैशाख अमावस्या 20 अप्रैल को पड़ रही है. आपको बता दें कि इस दिन चंद्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता है. धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करने और पूजा (Vaishakh Amavasya 2023 Puja Vidhi), जप, तप और दान करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है. इस दिन पितरों की भी पूजा करने का विधान है. इस दिन विधि विधान से पूजा पाठ करना बहुत ही फलदायी और कल्याणकारी माना गया है. तो चलिए जानते हैं वैशाख अमावस्या की पूजा विधि के बारे में.
वैशाख अमावस्या की पूजा विधि
सनातन धर्म में वैशाख अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है. ऐसे में इस दिन सही विधि के साथ पूजा पाठ (Vaishakh Amavasya 2023 Puja Vidhi) कर के ही संपूर्ण फल की प्राप्ति की जा सकती है. ज्योतिषविदों के अनुसार –
1- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने ईष्ट देव को प्रणाम व उनका स्मरण करना चाहिए.
2- इसके बाद घर की साफ सफाई करने के बाद स्वयं गंगाजल में जल मिलाकर स्नान करना चाहिए.
3- इसके बाद साधको को सूर्य देव को अर्घ्य देना होता है.
4- इतना करने के बाद साधक को पूजा, जप, तप और दान करना चाहिए.
5- बता दें कि पितरों के तर्पण के लिए यह काफी अच्छा दिन माना जाता है. ऐसे में कोई व्यक्ति जिसके पूर्वजों का पिंड दान नहींं हुआ हो, वह इस दिन अपने पितरों को तर्पण कर सकते हैं.
6- पूजा पाठ करने के बाद गरीबों व ब्राह्मणों को भोज कराना चाहिए.
7- इसके बाद अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों व ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देनी चाहिए.
8- गौरतलब है कि जो भी साधक विधि विधान से इस दिन पूजा पाठ कर लेता है, उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा रहती है.
वैशाख अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में वैशाख मास का विशेष महत्व है. इस दिन स्नान दान करने के साथ साथ पितरों का तर्पण, पिंडदान जैसे कार्य करना भी शुभ माना जाता है. मान्यता है कि वैशाख अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से व्यक्ति को पितृदोष से मुक्ति मिलने के साथ साथ पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. गौरतलब है कि इस दिन लोगों को पानी पिलाना बहुत ही शुभ कार्य माना जाता है. इसके साथ ही आप चाहें, तो पशु पक्षियों के लिए दाना पानी का इंतजाम कर के भी भगवान विष्णु के साथ साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते .
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