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हर साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) का त्योहार मनाया जाता है.
हर साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) का त्योहार मनाया जाता है. आपको बता दें कि इस बार चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) का त्योहार 22 मार्च, बुधवार से प्रारंभ हो रहा है. मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने की परंपरा है. नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना के साथ पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है और कलश के सामने जौ को मिट्टी के पात्र में बोया जाता है और इसका पूजन भी किया जाता है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर नवरात्रि में जौ बोने का क्या महत्व है और इसका पूजन क्यों किया जाता है.
नवरात्रि में जौं बोने का महत्व?
ज्योतिर्विदों की मानें, तो सृष्टि की शुरुआत में सबसे पहली फसल जौ की ही थी. जौं की फसल पूर्ण फसल भी कही जाती है. आपको बता दें कि जौ बोने का मुख्य कारण है कि अन्न ब्रह्म है, इसलिए अन्न का सम्मान करना चाहिए. नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) की पूजा में केवल जौ बोने का ही महत्व नहीं है, बल्कि यह कितनी तेजी के साथ बढ़ता है, ये भी बहुत मायने रखता है. नौ दिनों में जौ कितनी तेजी से उगते हैं या नहीं उगते हैं. इसके बढ़ने की गति कितनी रहती है. ये सभी बातें हमारे आने वाले साल का भविष्य के लिए शुभ अशुभ संकेत के प्रतीक माने जाते हैं.
जौं की स्थिति से ऐसे मिलते हैं शुभ-अशुभ संकेत
गौरतलब है कि नवरात्रि के पहले दिन जौं बोने के बाद वे किसी कारण उग नहीं पाई हैं, तो ये संकेत देती है कि आने वाले साल में धनहानि होगी या स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना करना होगा. यदि बोने के तीन दिन में जौ उगना प्रारंभ हो जाती हैं और छह दिन में अच्छी और हरी हो जाती हैं, तो ये शुभ हैं और संकेत देती हैं कि आने वाले साल में आपको धनलाभ होने वाला है, और जो बच्चे विवाह योग्य हैं, उनके विवाह में आने वाली रुकावटें दूर होंगी. इसके अलावा ये बताता है कि आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहने वाला है.
वहीं कई बार जब जौ उग रहे होते हैं और उसकी जड़ों के पास सफेदी नजर आने लगती है, यानि ये लाइट ग्रीन कलर में बढ़ते हुए दिखाई देने लगते हैं, तो ये संकेत देता है कि शुरुआती साल कष्ट में रहने वाला है, लेकिन धीरे-धीरे आपके जीवन की परेशानियां में कमीं देखने को मिलेगी. सातवें और आठवें दिन जौ उगकर नीचे की ओर झुकने लगती हैं, तो ये दर्शाता है कि शुरुआती साल तो अच्छा रहेगा, लेकिन साल के अंतिम समय में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, आपका स्वास्थ्य भी गड़बड़ हो सकता है. अगर जौ काले रंग के टेढ़े–मेढ़े उगते हैं, तो अशुभ माना जाता है. अगर जौ घनी और हरी उगती है, तो आपका पूरा वर्ष अच्छा और सुखमय बीतने के संकेत माने जाते हैं.
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Apurva Srivastav
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