- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- क्या है चैत्र षष्ठी...
धर्म-अध्यात्म
क्या है चैत्र षष्ठी व्रत का महत्व और पूजा विधि
Apurva Srivastav
12 March 2023 12:44 PM GMT
x
चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी या चैत्र षष्ठी व्रत किया जाता है
हर महीने षष्ठी तिथि पड़ती है लेकिन साल में पड़ने वाले कुछ षष्ठी व्रत का महत्व बहुत खास होता है. स्कंद पुराण में इसे स्कंदी षष्ठी के साथ साथ संतान षष्ठी भी कहते हैं. ये होली के छठे दिन पड़ता है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा होती है. उनकी पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर होते हैं और व्रत रखने वाले की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti Vrat 2023) का व्रत रखने की परंपरा चली आ रही है. चलिए आपको इस व्रत का महत्व और विधि बताते हैं.
क्यों करते हैं चैत्र षष्ठी का व्रत? (Chaitra Shasti Vrat 2023)
चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी या चैत्र षष्ठी व्रत किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसमें कार्तिकेय जी की पूजा होती है और कार्तिकेय भगवान का दूसरा नाम स्कंद भी है इसलिए इस व्रत को स्कंद षष्ठी भी कहते हैं. कार्तिकेय जी भगवान शंकर के बड़े पुत्र हैं और वो एक महान योद्धा रहे हैं. उनका व्रत करने से आपकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं और जिन्हें संतान नहीं होती तो संतान वाला हो जाता है. स्कंद षष्टी व्रत की पूजा विधि बहुत आसान है लेकिन इसे निष्ठा के साथ करना जरूरी होता है. 12 मार्च को चेत्र षष्ठी का व्रत पड़ेगा जिसे व्रत रखने वाले विधिवत करेंगे. इसके लिए आपको सबसे पहले प्रात: में उठकर स्नान करना होगा और गंगा स्नान करें तो उत्तम रहता है. इसके बाद भगवान कार्तिकेय की तस्वीर के सामने अपने व्रत का अनुष्ठान करें और जरूरतमंदों को खाना खिला दें.
इसके बाद सूर्य अस्त होने से पहले भोजन कर लें और उसके बाद पानी या दूध ले सकते हैं. पुराणों में बताया गया है कि ये व्रत संतान सुख की प्राप्ति के लिए होता है. संतान की आयु और स्वास्थ्य के लिए ये व्रत बहुत अच्छा माना गया है. पौराणिक कथा के अनुसार, स्कंद षष्ठी के व्रत से राजा प्रियवृत के मृत बालक का नया जीवन मिला था. उनके राज्य में प्रजा बड़ी श्रद्धा से इस व्रत को मनाते हैं. इस कथा में बताया गया कि स्कंद षष्ठी के व्रत से उनकी आंखों की रौशनी लौट आई इसलिए इस व्रत को स्वास्थ्य के रूप में प्रबल बताया गया है.
Tagsचैत्र षष्ठी व्रत का महत्वचैत्र षष्ठी व्रत की पूजा विधिImportance of Chaitra Shashthi fastworship method of Chaitra Shashthi fastघरेलु उपायचमत्कारिक घरेलु उपचारहेल्थ टिप्सस्वस्थ रहने के नियमदादी मां के नुक्सेपुरुषों के लिए ब्यूटी टिप्सब्यूटी टिप्ससुंदर बनाने के ब्यूटी टिप्स10 ब्यूटी टिप्सफेस के लिए घरेलू नुस्खेबालों के लिए घरेलू नुस्खेHome RemediesMiracle Home RemediesHealth TipsRules to Stay HealthyGrandma's TipsBeauty Tips for MenBeauty TipsBeauty Tips to be Beautiful10 Beauty TipsHome Remedies for FaceHome Remedies for Hairजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़न्यूज़ वेबडेस्कआज की बड़ी खबरRelationship with publicrelationship with public newslatest newsnews webdesktoday's big newsवास्तु दोषवास्तु दोष के उपायवास्तु दोष निवारण के उपायवास्तु शास्त्रवास्तु शास्त्र का ज्ञानवास्तु के नियमवास्तु टिप्सकुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियमसनातन धर्महिंदू धर्मभारतीय ज्योतिष शास्त्रज्योतिष शास्त्रVastu DoshaVastu Dosha RemediesVastu ShastraKnowledge of Vastu ShastraRules of VastuVastu TipsSome Important Vastu RulesSanatan DharmaHinduismIndian AstrologyJyotish Shastratoday's big news
Apurva Srivastav
Next Story