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हिंदू कैलेंडर की पहली पूर्णिमा यानी चैत्र पूर्णिमा 2023 इस बार 6 मार्च को है. चैत्र पूर्णिमा युगादी, गुड़ी पड़वा और चैत्र नवरात्रि के बाद ही आती है. लोग इस दिन व्रत रखते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इससे अच्छे परिमाण मिल जाते हैं, हालांकि पूर्णिमा हर महीने में एक बार मनाया जाता है. इस दिन की पूजा करने से व्रत करने वालों को उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. बस इस पूजा को विधिवत करना चाहिए और हर नियम को मानना चाहिए. चलिए आपको चैत्र पूर्णिमा के बारे में विस्तार में बताते हैं.
कब है चैत्र पूर्णिमा? (Purnima in April 2023)
चैत्र पूर्णिमा 2023 इस बार 6 अप्रैल को मनाई जा रही है. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 5 अप्रैल 2023 की सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर होगी. पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 6 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 04 मिनट पर होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा नववर्ष की शुरुआत के बाद यह पहली पूर्णिमा है. इस दिन कई जगहों पर हनुमान जयंती मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग चैत्र पूर्णिमा का व्रत रहते हैं. भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा करते हैं और उन्हें देवता का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है.
चैत्र पूर्णिमा का महत्व (Chaitra Purnima Importance)
चैत्र पूर्णिमा का महत्व हिंदू धर्म में विशेष बताया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि त्रेता युग में चैत्र महीने की पूर्णिमा पर ही भगवान शंकर के अंश और प्रभु श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था. इसी दिन प्रभु श्रीकृष्ण ने ब्रज में गोपियों के साथ रास रचाया था. जिसे शास्त्रों में महाराज के नाम से जाना जाता है. चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है इसलिए इस दिन को हनुमान जयंती के तौर पर भी मनाते हैं.
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Apurva Srivastav
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