धर्म-अध्यात्म

मानव जीवन का क्या है सबसे बड़ा पाप

Apurva Srivastav
7 July 2023 1:45 PM GMT
मानव जीवन का क्या है सबसे बड़ा पाप
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आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों में से एक माना गया हैं जिनकी नीतियां दुनियाभर में प्रसिद्ध मानी जाती हैं चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया हैं जिसका अनुसरण अगर कोई मनुष्य कर लेता हैं तो उसका पूरा जीवन सरल और सफल हो जाता हैं।
चाणक्य ने मनुष्य जीवन से जुड़े हर पहलु पर अपनी नीतियों का निर्माण किया हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में माता पिता और संतान को लेकर बहुत महत्वपूर्ण विचार साझा किए हैं। चाणक्य ने अपनी नीतियों के द्वारा बताया हैं कि मनुष्य का सबसे बड़ा पाप कौन सा है यानी महापाप क्या हैं जिसकी ईश्वर के घर भी माफी नहीं मिलती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा उस महापाप के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
आचार्य चाणक्य की नीति अनुसार एक मनुष्य हथिया से अधिक अपने शब्दों से दूसरों को घायल कर सकता है। चाणक्य की मानें तो कड़वे बोल ऐसी चीज़ है जो बिना हाथ लगाएं दूसरों पर वार कर सकते हैं। चाणक्य नीति अनुसार जो व्यक्ति माता पिता के लिए अपनी जुबान की ताकत का इस्तेमाल करता है उससे बड़ा पाप जीवन में कोई और नहीं होता हैं इसे महापाप की श्रेणी में रखा गया हैं।
चाणक्य का कहना है जो मनुष्य अपने माता पिता के लिए अपशब्द बोलता है उससे बड़ा महापापी और कोई नहीं हैं। क्योंकि माता पिता को ईश्वर का दर्जा प्राप्त हैं ऐसे में क्रोध या भूलकर भी अपने माता पिता के लिए कड़वे बोल का इस्तेमाल ना करें वरना आपको इस गलती की माफी ईश्वर के घर भी नसीब नहीं होगी।
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