- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- अश्विन बुध प्रदोष व्रत...
x
हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन शिव पूजा को समर्पित प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में आता है। इस दिन भक्त भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते हैं।
पंचांग के अनुसार हर माह की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है अक्टूबर माह का पहला प्रदोष व्रत 11 अक्टूबर दिन बुधवार को पड़ रहा है। जो कि अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाएगा।
बुधवार के दिन प्रदोष व्रत होने से इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है। इस दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि विधान से पूजा करते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से शिव की कृपा प्राप्त होती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
अश्विन बुध प्रदोष व्रत का मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा। अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट से आरंभ हो जाएगी और अगले दिन यानी 12 अक्टूबर की शाम को 7 बजकर 53 मिनट पर समाप्त हो रही है। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम माना जाता है। इसलिए यह व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएग और प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 11 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 56 से रात 8 बजकर 25 बजे तक रहेगा।
Next Story