धर्म-अध्यात्म

क्या है पापमोचनी एकादशी,' इस दिन जरूर पढ़ें ये प्रचलित कथा

Teja
26 March 2022 5:13 AM GMT
क्या है पापमोचनी एकादशी, इस दिन जरूर पढ़ें ये प्रचलित कथा
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चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पापमोचनी एकादशी कहलाती है. इ

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पापमोचनी एकादशी कहलाती है. इस बार यह एकादशी 28 मार्च दिन सोमवार को पड़ रही है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से सभी पापों से छुटकारा मिलता है और विष्णु जी प्रसन्न होते हैं. पापमोचनी एकादशी के दिन यदि भगवान विष्णु (Lord vishnu) की विधि विधान से पूजा की जाए तो न केवल सभी पापों से मुक्ति मिल सकती है बल्कि ऐसे व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं. ऐसे में पापमोचनी एकादशी से जुड़ी प्रचलित कथा के बारे में पता होना जरूरी है. आज का लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi vrat katha) के दिन कौन सी कथा पढ़ें. पढ़ते हैं

पापमोचनी एकादशी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक चैत्ररथ सुंदर वन था, जहां च्यवन ऋषि के पुत्र मेधावी तपस्या कर रहे थे. एक दिन एक अप्सरा उस वन से गुजरी. उस अप्सरा का नाम मंजुघोषा था. अप्सरा ने जब मेधावी को देखा तो वह उन पर मोहित हो गई. अप्सरा मेधावी को अपनी तरफ आकर्षित करना चाहती थीं लेकिन लाख प्रयास करने के बाद भी वह सफल रही. जब वह उदास हो गई तो कामदेव ने अप्सरा की मंशा को समझ कर उसकी मदद की. कामदेव की मदद से अप्सरा ने मेधावी को अपनी तरफ आकर्षित कर लिया. इधर अप्सरा के इस प्रयास से मेधावी भगवान शिव की तपस्या को भूल गए. कई वर्ष बीत जाने के बाद जब उन्हें अपनी तपस्या की याद आई तो उन्होंने मंजुघोषा को पिशाचिनी होने का श्राप दे दिया. जब अप्सरा ने विनती की तो मेधावी ने पापमोचनी एकादशी व्रत के बारे में बताया और कहा कि यदि विधि पूर्वक इस व्रत को करती हो तो तुम्हारे सारे पाप दूर हो जाएंगे. तब अप्सरा ने कहे अनुसार पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा और अपने पाप दूर किए. इधर मेधावी ने भी पापमोचनी एकादशी व्रत करके अपने पापों से मुक्ति पाई.
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.
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