धर्म-अध्यात्म

क्या होता है चंद्र ग्रहण,और क्यों लगता है? जानें धर्म और विज्ञान का मत

Renuka Sahu
16 May 2022 3:56 AM GMT
What is a lunar eclipse, and why does it happen? Learn Religion and Science
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फाइल फोटो 

साल का पहल चंद्रग्रहण आज बुद्ध पूर्णिमा को लगने जा रहा है। हालांकि भारत में यह दिखाई नहीं देगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साल का पहल चंद्रग्रहण आज बुद्ध पूर्णिमा को लगने जा रहा है। हालांकि भारत में यह दिखाई नहीं देगा। लेकिन ग्रहण को लेकर लोगों में हमेशा ही उत्सुकता देखने को मिलती है। भारत में चंद्रग्रहण को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं लेकिन विज्ञान की नजर से देखें तो यह एक सिफ खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। चंद्र ग्रहण क्यों होता है? और इसको लेकर धर्म और विज्ञान में क्या कहा गया है? इस सभी बातों का जवाब चंद्रग्रहण की इस कहानी में मिलेगा।

चंद्रग्रहण की कहानी
धर्म का मत :
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि की रचना की शुरुआत में समुद्र मंथन किया गया था। इस मंथन में अमृत निकलता था जिसे पीने के लिए देवताओं और दानवों में विवाद शुरू हो गया था। विवाद इतना बढ़ा की युद्ध की नौबत आ गई थी। देवताओं की प्रार्थना के बाद इस विवाद को सुलझाने के लिए भगवान विष्णु मोहनी की रूप धारण कर लिया था और देवताओं व राक्षसों को अलग-अलग को लाइन में बैठाकर अमृत और शराब पिला रहे थे। तभी देवताओं की लाइन में छलपूर्वक एक दानव राहु भी बैठा गया था और अमृत पान करने लगा था। राहु को ऐसा करते हुए सूर्य और चंद्रमा देख लेते हैं तो वे भगवान विष्णु को इस बात की जानकारी देते हैं। इस पर भगवान विष्णु सुदर्शन चक्र से राहु का सिर काटकर उसे धड़ से अलग कर देते हैं। तब से सिर वाले भाग को राहु और धड़ को केतु नाम से जानते हैं। मान्यता है कि इस घटना से राहु सूर्य और चंद्रमा को अपना दुश्मन मानने लगता है। चूंकि उसने अमृत पी लिया था तो उसकी मौत नहीं हुई थी। पूर्णिमा के दिन राहु जब चंद्रमा को ग्रसता है तो चंद्रमा कुछ देर के लिए छिप जाता है जिसे चंद्रग्रहण कहते हैं। सिर और धड़ के अलग होने से पहले इस दानव का नाम स्वर्भानु नाम था। ज्योतिष में राहु को छाया ग्रह के नाम से भी जाना जाता है।
विज्ञान का मत:
खगोलशास्त्र के अनुसार जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में आती है तो चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है और वह दिखाई नहीं देता इसी स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं। चूंकि चंद्रमा पृथ्वी की चक्कर लगाता रहता है इसलिए वह ज्यादा देर के लिए पृथ्वी की छाया में नहीं रुकता और कुछ ही देर में पृथ्वी की छाया से बाहर आ जाता है। जब चंद्रमा का पूरा या आंशिक भाग पृथ्वी से ढक जाता है और सूरज की किरणें चंद्रमा पर नहीं पहुंचतीं। ऐसी स्थिति में चंद्रग्रहण होता है।
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