धर्म-अध्यात्म

क्या हैं रुद्राक्ष पहनने के उचित नियम

Apurva Srivastav
6 July 2023 6:06 PM GMT
क्या हैं रुद्राक्ष पहनने के उचित नियम
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सनातन धर्म में रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, रुद्राक्ष का निर्माण भगवान शिव के आंसुओं से हुआ है. पृथ्वी पर रुद्राक्ष (Rudraksha Rules) को सबसे पवित्र माना गया है. मान्यतानुसार, रुद्राक्ष धारण करने से साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और इसके साथ ही भगवान शिव की विशेष कृपा आपको प्राप्त होती है. सावन के महीने में बहुत सारे लोग भगवान के दर्शन के लिए मंदिर या धाम जाते हैं और वहां से रूद्राक्ष की माला पहन लेते हैं. ऐसे में आपको बता दें कि ज्योतिष में रुद्राक्ष धारण करने से संबंधी कई नियम बताए गए हैं. अगर उन नियमों का पालन न किया जाए, तो साधक को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं
रुद्राक्ष धारण करने के नियम ( Rudraksha Ke Niyam In Hindi)
1- रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना गया है. शिव पुराण के अनुसार, जो लोग तामसिक भोजन, मांसहार का सेवन और धूम्रपान करते हैं, उन्हें रुद्राक्ष भूलकर भी नहीं धारण करना चाहिए. वरना उनको भारी दुष्परिणाम देखने पड़ सकते हैं.
2- गर्भवती महिलाओं को रुद्राक्ष गलती से भी नहीं पहनना चाहिए, हिंदू धर्म में शिशु के जन्म के सवा महीने सूतक काल होते हैं. सूतक काल का समय अशुद्ध माना जाता है. ऐसे रुद्राक्ष पहनने से उसका अपमान होता है और महिला व बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है.
3- अशुद्ध हाथों से रूद्राक्ष को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए और तो और इसे कभी भी काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए.
4- कभी भी स्वयं के द्वारा पहना हुआ रुद्राक्ष किसी दूसरे को पहनने के लिए नहीं देना चाहिए, ऐसा करने से आपको काफी हानि देखनी पड़ सकती है.
5- जिन लोगों के घर किसी की मृत्यु हो जाए, तो उन्हें सूतक काल के खत्म होने तक रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए. गौरतलब है कि हर रुद्राक्ष को पहनने का अपना विशेष महत्व है. इसलिए पहनने से पहले अच्छे से जांच पड़ताल और उससे संबंधित नियमों के बारे में अवश्य पता कर लेना चाहिए. वरना फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ जाएगा.
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