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जय श्री राम! सुंदरकांड (sunderkand) प्रभु श्री राम के सबसे प्रिय भक्त संकटमोचन हनुमान को समर्पित है। वाल्मीकि जी द्वारा संस्कृत में रचित श्री रामचरित मानस के पांचवे अध्याय (कांड) को सुंदरकांड (sunderkand) के नाम से जाना जाता है। संस्कृत में लिखी "रामचरितमास" का अवधी भाषा में बाद में महान संत तुलसीदास जी के द्वारा किया गया था।
What is Sunder Kand | क्या है "सुंदरकांड"?
सुंदरकांड (sunderkand) में पवनपुत्र हनुमान का माता सीता की खोज में लंका पहुंचने की पूरी यात्रा का बहुत ही अद्भुत वर्णन किया गया है। सम्पूर्ण रामायण में जहां एक ओर प्रभु श्री राम की वीरता और उनके जीवन काल का उल्लेख किया गया है, वही सुंदरकांड (sunderkand) में पवनपुत्र हनुमान (Sunderkand ka path) और उनसे जुड़े रोचक तथ्यों का चित्रण किया गया है।
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से सुंदरकांड पाठ (sunderkand paath) करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। खासतौर पर शनिवार और मंगलवार के दिन सुंदरकांड पाठ (sunderkand ka path) को करने का विशेष महत्व बताया जाता है। रामचरितमानस के इस पांचवे अध्याय, सुंदरकांड (sunderkand) में, हनुमान जी के लंका की ओर यात्रा, विभीषण से उनकी मुलाकात, माता सीता से उनकी अशोक वाटिका में भेंट, रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध और लंका दहन के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है।
प्रतिदिन हज़ारों हनुमान भक्तों के द्वारा सुंदरकांड पाठ (sunderkand paath) किया जाता है। पुरुष के अलावा महिलाएं भी सुंदरकांड (sunderkand path) पाठ को कर सकती है। सम्पूर्ण सुंदरकांड (sunderkand) में साठ दोहे तथा पांच सौ छब्बीस चौपाइयां समिल्लित है। धर्म शास्त्रों में सुंदरकांड (sunderkand) को पढ़ने के बहुत सारे लाभ बताएं गए है। कहा जाता है कि नियमित रूप से सुंदरकांड पाठ(sunderkand paath) करने से भय, भूत-पिशाच एवं रोग दोष आदि से मुक्ति है। शारीरिक रोगों के साथ ही सुंदरकांड(sunderkand) पाठ, स्ट्रेस, डिप्रेशन जैसे मानसिक रोगों से निजात दिलाने में भी सहायक है।
संपूर्ण सुंदरकांड (sunderkand) पाठ हिंदी में पढ़ने के बहुत से फायदे बताएं गए है, यह लाभ इस प्रकार से है-
Benefits of "Sunder Kand"| सुंदरकांड पढ़ने के लाभ
1. इस पाठ(sunderkand) को करने से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और बुद्धिमत्ता में बढोतरी होती है।
2. सुंदरकांड(sunderkand) के पाठ करने से सभी तरह के नकरात्मक और बुरी शक्तियां दूर भाग जाती है।
3. बड़े से बड़े शारीरिक एवं मानसिक रोग में सुंदरकांड (sunderkand) का पाठ बहुत अधिक फलदायी माना जाता है।
4. घर के सबसे बड़े सदस्य के द्वारा सुंदरकांड (sunderkand) का पाठ करने घर के वातावरण में पाजिटिविटी रहती है।
5. संपूर्ण सुंदरकांड(sunderkand) पाठ करने से किसी भी तरह की अनहोनी और आकस्मिक घटना से बचाव मिलता है।
6. सुंदरकांड (sunderkand) पाठ लिरिक्स को पढ़ने से अनावश्यक भय और रात को आने वाले बुरे सपनो से मुक्ति मिलती है।
7. नौकरी में प्रमोशन या आपकी सफलता में आने वाली सभी प्रकार को बाधाओं को दूर करने में सुंदरकांड (sunderkand) का पाठ कल्याणकारी है।
8. संपूर्ण सुंदरकांड (sunderkand) का पाठ करने से गृह क्लेश जैसी परेशानियों से जूझ रहे व्यक्तियों को ऐसे सभी प्रकार की समस्या से मुक्ति मिलती है।
9. शनि की साढ़ेसाती से रक्षा दिलाने के साथ ही सुंदरकांड (sunderkand) के पाठ जातक को भूत-प्रेत जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
10. कर्ज मुक्ति या किसी भी आर्थिक समस्याओं से परेशान व्यक्ति को मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष तौर पर सुंदरकांड (sunderkand) का पाठ करना चाहिए।
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Apurva Srivastav
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