धर्म-अध्यात्म

त्वचा संबंधी रोगों एवं व्यापार में घाटे से मुक्ति दिलाएगा बुधवार का व्रत

Subhi
8 Jun 2022 3:14 AM GMT
त्वचा संबंधी रोगों एवं व्यापार में घाटे से मुक्ति दिलाएगा बुधवार का व्रत
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बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश जी को बुद्धि और शुभता का देव कहा गया है। प्रत्येक शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश का पूजन अनिवार्य होता है।

बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश जी को बुद्धि और शुभता का देव कहा गया है। प्रत्येक शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश का पूजन अनिवार्य होता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि गणेश जी की पूजा से किए गए कार्य में किसी प्रकार की विघ्न-बाधा नहीं आती है और प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त होती है। हिंदू धर्म में पूजा, नियम, जप, तप और उपवास का बहुत महत्व माना जाता है। यदि पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ गणेश भगवान की पूजा आराधना की जाए तो जीवन की परेशानियों और विघ्न-बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है। आइए जानते हैं बुधवार के दिन गणेश की पूजा विधि के बारे में...

बुधवार की पूजा विधि

बुधवार के दिन प्रात: सूर्योदय के समय उठकर स्नानादि करके व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर के मंदिर में गणओअति यंत्र की स्थापना करें और भगवान गणेश का आवाहन करें। रोली, अक्षत, दीपक, धूप, दूर्वा आदि से गणेश जी का पूजन करें।

त्वचा संबंधी रोगों एवं व्यापार में घाटे से मुक्ति दिलाएगा बुधवार का व्रत

इसके बाद व्रत की कथा पढ़ें और गणेश जी को लड्डू या फिर मोदक का भोग लगाएं। बुधवार को पूजा के दौरान भगवान गणेश जी की आरती जरूर पढ़ें और अपनी गलतियों की क्षमा प्रार्थना करें। भगवान गणेश से कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें और दिनभर फलाहार व्रत रखें।

त्वचा संबंधी रोगों एवं व्यापार में घाटे से मुक्ति दिलाएगा बुधवार का व्रत

शाम को पूजन करें और सर्वप्रथम प्रसाद ग्रहण करके व्रत खोलें। संभव हो तो इस दिन असहाय या जरूरतमंद व्यक्ति को अपनी क्षमतानुसार हरी मूंग की दाल और हरे रंग के वस्त्र दान दें।

त्वचा संबंधी रोगों एवं व्यापार में घाटे से मुक्ति दिलाएगा बुधवार का व्रत

भगवान गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,

चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे,

मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,

और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे,

संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,

कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत,

निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए,

सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,

शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो,

जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥


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