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सुनहला रत्न धारण करने से व्यापार और करियर में तरक्की मिलने का मान्यता, जानिए किन राशि वालों को करता है सूट

Bhumika Sahu
7 Jun 2022 2:34 PM GMT
सुनहला रत्न धारण करने से व्यापार और करियर में तरक्की मिलने का मान्यता, जानिए किन राशि वालों को करता है सूट
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रत्न शास्त्र में 84 उपरत्न और 9 रत्नों का वर्णन मिलता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Gem Stone Sunela: रत्न शास्त्र में 84 उपरत्न और 9 रत्नों का वर्णन मिलता है।ये उपरत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां हम बात करने जा रहे हैं सुनहला उपरत्न के बारे में, जिसका संबंध गुरु ग्रह से है।

दरअसल आप लोगों ने पुखराज रत्त का नाम तो सुना ही होगा, लेकिन पुखराज का उपरत्न भी होता है, जिसको सुनहला कहते हैं। सुनहला उपरत्न पुखराज की तुलना में काफी सस्ता आता है। इसे धारण करने से व्यापार और करियर में तरक्की मिलती है। साथ ही व्यक्ति की धन संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं सुनहला धारण करने की सही विधि और किन राशि वालों को ये करता है सूट…
ऐसा होता है सुनहला:
आपको बता दें कि सुनहला रत्न दिखने में पुखराज की तरह होता है। ज्योतिष के अनुसार अगर आपके व्यापार में लगातार नुकसान हो रहा है तो ज्योतिषी की सलाह पर आप इस उपरत्न को धारण कर सकते हैं। पीले रंग का यह सुनहला रत्न करियर और व्यापार में लाभ देता है। जो लोग सुनहला रत्न धारण करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी सदा मेहरबान रहती है। साथ ही यह रत्न व्यक्ति को अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करता है। वहीं जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं उन बच्चों को भी सुनहला पहना सकते हैं। क्योंकि इस उपरत्न का संबंध गुरु ग्रह से है और गुरु बृहस्पति ही व्यक्ति को ज्ञान को बुद्धि देते हैं।
इन राशि वालों को करता है सूट:
अगर आपकी जन्मकुंडली में गुरु ग्रह उच्च (सकारात्मक) शुभ विराजमान हैं, तो आप इस रत्न को धारण कर सकते हैं। कर्क लग्न वाले इस रत्न को पहन सकते हैं क्योंकि गुरु आपके भाग्य के स्वामी हैं। साथ ही मीन राशि- लग्न, धनु राशि- लग्न वाले भी सुनहला धारण कर सकते हैं। वहीं अगर गुरु आपकी जन्म कुंडली में कमजोर स्थित हो तो भी सुनहला धारण कर सकते हैं। अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह नकारात्मक स्थित हैं तो फिर सुनहला धारण करने से बचना चाहिए।
इस विधि से करें धारण:
रत्न शास्त्र अनुसार इस रत्न को गुरुवार के दिन पहनना शुभ माना जाता है। इसलिए सबसे पहले गुरुवार को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि से निवृत होकर भगवान बृहस्पति का ध्यान करें। फिर तांबे के एक पात्र या कटोरी में गाय का कच्चा दूध, शहद, घी, गंगाजल तुलसी की पत्तियां मिलाकर इसमें सुनहला रत्न डाल दें।
इसके बाद 'ऊं ग्रां ग्रीं ग्रूं गुरुवे नम:' मंत्र की एक माला का जाप करें। फिर इस रत्न को गंगाजल से निकालकर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए रत्न को धारण करें। साथ ही इस रत्न को धारण करने के बाद गुरु से संबंधित दान भी जरूर निकालें और इस दान को किसी मंदिर के पुजारी को दक्षिणा रखकर दे आए। साथ ही चरण स्पर्श भी जरूर करके आए। मान्यता है इस विधि से पुखराज धारण करने से सुनहला अपना असर तुरंत दिखाता है।


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