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धर्म-अध्यात्म
कारोबार ,सफलता प्राप्ति चाहते है हर शनिवार श्री शनि कवच का पाठ करे
Tara Tandi
29 April 2023 12:03 PM GMT
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हर कोई अपने जीवन में धनवान बनने की इच्छा रखता है। इसके लिए लोग कारोबार और नौकरी करते हैं और दिनों रात कड़ी मेहनत करते है। लेकिन फिर भी अगर सफलता उनके हाथ नहीं लगती है या फिर उन्हें असफलताओं का सामना करना पड़ता है तो ऐसे में व्यक्ति निराश और परेशान हो जाता है।
अगर आप भी कारोबार में सफलता व मुनाफा कमाना चाहते है तो हर शनिवार के दिन श्री शनि कवच का संपूर्ण पाठ करें और गरीबों को अन्न, धन व वस्त्रों का दान करें मान्यता है कि इस उपाय को करने से व्यवसाय में खूब सफलता व मुनाफा होता है।
श्री शनि कवच—
विनियोग
अस्य श्रीशनैश्चर कवच स्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषि:,
अनुष्टुप् छन्द: शनैश्चरो देवता, श्रीं शक्ति: शूं कीलकम्,
शनैश्चर प्रीत्यर्थे पाठे विनियोग: ।
नीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी गृध्रस्थितत्रासकरो धनुष्मान् ।
चतुर्भुज: सूर्यसुत: प्रसन्न: सदा मम स्याद्वरद: प्रशान्त:॥
श्रृणुध्वमृषय: सर्वे शनिपीडाहरं महत् ।
कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम् ॥
कवचं देवतावासं वज्रपंजरसंज्ञकम् ।
शनैश्चरप्रीतिकरं सर्वसौभाग्यदायकम् ॥
ऊँ श्रीशनैश्चर: पातु भालं मे सूर्यनंदन: ।
नेत्रे छायात्मज: पातु कर्णो यमानुज: ॥
नासां वैवस्वत: पातु मुखं मे भास्कर: सदा ।
स्निग्धकण्ठश्च मे कण्ठ भुजौ पातु महाभुज: ॥
स्कन्धौ पातु शनिश्चैव करौ पातु शुभप्रद: ।
वक्ष: पातु यमभ्राता कुक्षिं पात्वसितस्थता ॥
नाभिं गृहपति: पातु मन्द: पातु कटिं तथा ।
ऊरू ममाSन्तक: पातु यमो जानुयुगं तथा ॥
पदौ मन्दगति: पातु सर्वांग पातु पिप्पल: ।
अंगोपांगानि सर्वाणि रक्षेन् मे सूर्यनन्दन: ॥
इत्येतत् कवचं दिव्यं पठेत् सूर्यसुतस्य य: ।
न तस्य जायते पीडा प्रीतो भवन्ति सूर्यज: ॥
व्ययजन्मद्वितीयस्थो मृत्युस्थानगतोSपि वा ।
कलत्रस्थो गतोवाSपि सुप्रीतस्तु सदा शनि: ॥
अष्टमस्थे सूर्यसुते व्यये जन्मद्वितीयगे ।
कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित् ॥
इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरेर्यन्निर्मितं पुरा।
जन्मलग्नस्थितान्दोषान् सर्वान्नाशयते प्रभु: ॥
Tara Tandi
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