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विवाह पंचमी राम-सीता के विवाह वर्षगांठ पर करें अनुष्ठान, जानें प्रक्रिया
ज्योतिष न्यूज़: राम-सीता के विवाह की वर्षगांठ पर अनुष्ठान करना एक धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया हो सकती है
सनातन धर्म में त्योहारों की कमी नहीं होती है और सभी का अपना महत्व होता है पंचांग के अनुसार आज यानी 28 नवंबर दिन मंगलवार से मार्गशीर्ष मास का प्रारंभ हो जाता है जो इस महीने में इस साल के नौवें महीने में आता है इनमें विवाह पंचमी भी शामिल है।
पंचांग के अनुसार विवाह पंचमी का पर्व हर साल मार्ग शीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है जो कि भगवान श्रीराम और माता सीता की विवाह तिथि है धार्मिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी पवित्र दिन पर राम सीता का विवाह हुआ था जिससे विवाह मित्र के विशेष रूप से मनाया जाता है
इस दिन पूजा पाठ और व्रत आदि करने से धार्मिक इच्छा पूरी हो जाती है, विवाह पंचमी इस साल 17 दिसंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी तो आज हम आपको अपने इस लेख में विवाह पंचमी की पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कर रहे हैं। ।।
विवाह पंचमी पर ऐसे करें अनुष्ठान—
बता दें कि विवाह पंचमी के शुभ दिन पर प्रातः व्रत स्नान आदि करें, इसके बाद आपको श्री राम विवाह का संकल्प करना होगा। अब भगवान राम और माता सीता की मूर्ति की स्थापना करें भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा की स्थापना करें इसके बाद बालकांड में विवाह प्रसंग का पाठ करें या “ॐ जानकीवल्लभाय नमः” मंत्र का जाप करें इसके बाद सीता माता और श्रीराम का गठबंधन उनकी पूजा-अर्चना और आरती करें। फिर पेट लगे कपड़ों को अपने पास रख लें और सभी में प्रसाद बांटें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान राम और माता सीता का आशीर्वाद मिलता है और जीवन से जुड़ी सारी बातें दूर हो जाती हैं और साथ ही शीघ्र विवाह के योग बन जाते हैं।