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ज्योतिष के हिसाब से व्यक्ति की कुंडली में कई तरह के शुभ और अशुभ योग बनते हैं, अगर शुभ बनते हैं, तो व्यक्ति के घर सुख-समृद्धि आती है और अगर कुंडली में अशुभ संयोग बनता है, तो व्यक्ति जीवनभर परेशानी में ही रहता है. इसी में से एक योग विष योग भी है. इस योग को बहुत ही अशुभ माना जाता है. अगर किसी भी जातक की कुंडली में इस योग का निर्माण होता है, तो व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आती है, जिससे वह परेशान हो जाता है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में कुंडली में विष योग के बारे में बताएंगे, साथ ही इस योग का निर्माण कैसे होता है.
जानें कुंडली में इस योग का निर्माण कैसे होता है
शनि और चंद्रमा विशेष ग्रह माना जाता है. वहीं कर्मफलदाता शनि ढाई में राशि परिवर्तन करते हैं. चंद्रमा राशि बदलने में सवा दो दिन का समय लगाता है, जब कुंडली में शनि और चंद्रमा की युति बनती है, तब व्यक्ति की कुंडली में विष योग का निर्माण होता है. जो बहुत ही अशुभ प्रभाव होता है.
विष योग के ये है दुष्प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में विष दोष का असर व्यक्ति के मन और मस्तिष्क पर पड़ता है. इस दोष के कारण व्यक्ति को तनाव, बेचैनी, चिंता आदि जैसी समस्याएं आने लग जाती है. इसके अलावा विष दोष के कारण व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. उसे शिक्षा और खेल के क्षेत्र में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. इससे व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास की कमी आने लग जाती है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में ये दोष बनता है, तो वह व्यक्ति अपने व्यवहारिक रिश्ते में भी परेशानियों को झेलता है. प्रेम संबंध और बच्चों के साथ, भाई बहनों के साथ उसके संबंध प्रभावित होने लग जाते हैं. यह दोष मां के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है.
विष योग से बचने के लिए करें ये उपाय
1. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनता है, तो उसे रोजाना शविलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए. मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.
2. अगर आपकी कुंडली में विष योग का निर्माण हो रहा है, तो सोमवार और शनिवार के दिन भगवान शिव और शनिदेव का विधिपूर्वक पूजा करना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए.
3. इस दिन एक नारियल लें और अपने सिर से 7 बार घुमाकर पीपल के पेड़ के नीचे फोड़ दें और उसे प्रसाद के रूप में सभी को बांट दें.
4. हर शनिवार के दिन सुबह और शाम शनि मंदिर में जाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं, इससे विष दोष का प्रभाव कम हो जाता है.
Deepa Sahu
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