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धर्म-अध्यात्म
विनायक चतुर्थी 2024:विनायक चतुर्थी पर पढ़ें ये व्रत कथा, दूर होंगी सभी बाधाएं
Bharti Sahu 2
6 Oct 2024 4:50 AM GMT
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विनायक चतुर्थी 2024: नवरात्रि में पड़नी वाली चुतुर्थी के दिन विनायक चतुर्थी का व्रत आज यानी 6 अक्टूबर 2024 को है. पंचांग के अनुसार, हर माह में प्रदोष व्रत की तरह ही दो बार भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए चतुर्थी का व्रत किया जाता है. एक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी और दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. दोनों ही चतुर्थी में भगवान गणेश की पूजा की जाती है|
विनायक चतुर्थी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता पार्वती और भगवान महादेव नर्मदा नदी के तट पर चौपड़ खेल रहे थे. खेल में हार जीत का फैसला करने के लिए महादेव ने एक पुतला बना दिया और उसकी प्राण प्रतिष्ठा कर दी. भगवान महादेव ने बालक से कहा कि जीतने पर जीतने पर विजेता का फैसला करे. महादेव और माता पार्वती ने खेलना शुरू किया और तीनों बाद माता पार्वती जीत गईं. खेल समाप्त होने के बाद बालक ने महादेव को विजयी घोषित कर दिया. यह सुनकर माता पार्वती क्रोधित हो गईं और बालक को अपाहिज रहने का शाप दे दिया.
माता पार्वती ने बताया उपाय
बालक ने माता पार्वती से क्षमा मांगी और कहा कि ऐसा भूलवश हो गया है. जिसके बाद माता पार्वती ने कहा कि शाप तो वापस नहीं लिया जा सकता लेकिन इसका एक उपाय है. माता पार्वती ने बालक को उपाय बताते हुए कहा कि भगवान गणेश की पूजा के लिए नाग कन्याएं आएंगी और तुमको उनके कहे अनुसार व्रत करना होगा, जिससे तुमको शाप से मुक्ति मिल जाएगी. बालक कई सालों तक शाप से जूझता रहा और एक दिन नाग कन्याएं भगवान गणेश की पूजा के लिए आईं. जिनसे बालक ने गणेश व्रत की विधि पूछी. बालक ने सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान गणेश ने वरदान मांगने को कहा.
बालक को मिली शाप से मुक्ति
बालक ने भगवान गणेश से प्रार्थना की और कहा कि, हे विनायक, मुझे इतने शक्ति दें कि मैं पैरों से चलकर कैलाश पर्वत पर जा सकूं. भगवान गणेश ने बालक को आशीर्वाद दे दिया और अंतर्ध्यान हो गए. इसके बाद बालक ने कैलाश पर्वत पर भगवान महादेव को शाप मुक्त होने की कथा सुनाई. चौपड़ वाले दिन से माता पार्वती भगवान शिव से रुष्ट हो गई थीं.
बालक के बताए अनुसार, भगवान शिव ने भी 21 दिनों का भगवान गणेश का व्रत किया. व्रत के प्रभाव से माता पार्वती के मन से भगवान महादेव के प्रति नाराजगी खत्म हो गई. मान्यता है कि भगवान गणेश की जो सच्चे मन से पूजा अर्चना और आराधना करते हैं, उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं. साथ ही कथा सुनने व पढ़ने मात्र से जीवन में आने वाले सभी विघ्न दूर होते हैं|
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