धर्म-अध्यात्म

Vijaya Ekadashi 2022 :आज विजया एकादशी व्रत है,जानें व्रत का मुहूर्त,पूजा विधि एवं पारण समय के बारे में

Kajal Dubey
26 Feb 2022 1:53 AM GMT
Vijaya Ekadashi 2022 :आज विजया एकादशी व्रत है,जानें  व्रत का मुहूर्त,पूजा विधि एवं पारण समय के बारे में
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विजया एकादशी व्रत

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज विजया एकादशी व्रत है. हालांकि यह व्रत दो दिन है. आज गृहस्थ लोगों के लिए है, 27 फरवरी को साधु संत के लिए है. आज विजया एकादशी की तिथि सुबह 10:39 बजे से शुरु हो रही है, इसका समापन कल 27 फरवरी को सुबह 08:12 बजे होगा. आज प्रात:काल से सिद्धि योग लगा हुआ है, यह आज रात 08:52 बजे तक है. इसके समापन के बाद व्यतीपात योग प्रारंभ होगा. विजया एकादशी व्रत करने से विजय की प्राप्ति होती है, वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है और समस्त पाप मिट जाते हैं. आइए जानते हैं विजया एकादशी व्रत के मुहूर्त (Muhurat), मंत्र (Mantra), पूजा विधि (Puja Vidhi), कथा (Katha) एवं पारण समय (Parana Time) के बारे में.

विजया एकादशी 2022 पूजा मुहूर्त
आज प्रात:काल से ही सिद्धि योग लग गया है. ऐसे में आप सुबह विजया एकादशी व्रत की पूजा कर सकते हैं. आज का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:11 बजे से दोपहर 12:57 बजे के मध्य है.
विजया एकादशी पूजा विधि एवं मंत्र
आज प्रात: स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करके कलश स्थापना करें. फिर हाथ में जल लेकर विजया एकादशी व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. फिर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापना करें. अब भगवान विष्णु का पीले फूल, वस्त्र, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, तुलसी पत्ता, पंचामृत, फल, चंदन, हल्दी, रोली आदि से पूजन करें. इस दौरान ओम भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जप करते रहें.
अब विष्णु चालीसा और विजया एकादशी व्रत कथा का पाठ करें. पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना मंत्र पढ़ें और कपूर या घी के दीपक से भगवान विष्णु की आरती करें. तुलसी की भी पूजा करें. इसके बाद दान करें.
विजया एकादशी व्रत कथा
विजया एकादशी व्रत कथा का संबंध भगवान श्रीराम के इस व्रत करने और फल प्राप्ति से है. लंका पर विजय और समुद्र पार करने के लिए श्रीराम ने विजया एकादशी व्रत किया था. इस कथा को विस्तार से यहां पढ़ें.
विजया एकादशी 2022 पारण समय
जो लोग आज विजया एकादशी व्रत हैं, वे कल 27 फरवरी को दोहपर 01:43 बजे से शाम 04:01 बजे के मध्य पारण करके व्रत को पूरा करेंगे. पारण वाले दिन पूजा कलश को किसी ब्राह्मण को दान कर देना चाहिए.


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