धर्म-अध्यात्म

अनंत चतुर्दशी पर बन रहा बेहद दुर्लभ योग, सभी पाप होंगे नष्ट

Subhi
7 Sep 2022 3:21 AM GMT
अनंत चतुर्दशी पर बन रहा बेहद दुर्लभ योग, सभी पाप होंगे नष्ट
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अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अनंत रूपों की पूजा की जाती है और इसी दिन धूमधाम से गणपति बप्पा को विदाई (Ganesh Visarjan 2022) भी दी जाती

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अनंत रूपों की पूजा की जाती है और इसी दिन धूमधाम से गणपति बप्पा को विदाई (Ganesh Visarjan 2022) भी दी जाती है. इस साल अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdarshi) 9 सितंबर यानी शुक्रवार को है. इस बार अनंत चतुर्दशी पर बेहद ही शुभ योग बन रहा है, जिससे भगवान विष्णु की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होगी.

अनंत चतुर्दशी पर बन रहे ये 2 शुभ योग

अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdarshi) पर दो बेहद शुभ योग का संयोग बन रहा है, जिससे श्रीहरि की कृपा ज्यादा मिलेगी. इस बार अनंत चतुर्दशी पर सुकर्मा और रवि योग बन रहे हैं, जिनसे सफलता मिलती है और पाप भी नष्ट होते हैं. मान्यता है कि सुकर्मा योग में कोई भी शुभ कार्य करने से जरूर सफलता मिलती है, वहीं, रवि योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.

कब से कब तक बन रहा शुभ योग

अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdarshi) पर सुकर्मा योग 8 सितंबर 2022 को रात 9 बजकर 41 मिनट से शुरू हो रहा है और 9 सितंबर 2022 को शाम 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. वहीं, रवि योग 9 सितंबर को सुबह 6 बजकर 10 मिनट से शुरू हो रहा है और सुबह 11 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.

अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी तिथि (Anant Chaturdarshi Tithi) की शुरुआत 8 सितंबर 2022 को रात 9 बजकर 2 मिनट से हो रही है और चतुर्दशी तिथि 9 सितंबर 2022 को शाम 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगी. भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अनंत रूपों की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 9 सितंबर को सुबह 6 बजकर 10 मिनट से शुरू हो रहा है और शाम 6 बजकर 7 मिनट तक पूजा कर सकते हैं.

गणपति बप्पा को इस तरह दें विदाई

अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdarshi) के दिन धूमधाम से गणपति बप्पा को विदाई दी जाएगी. बप्पा को विसर्जित करने से पहले विधि-विधान से पूजा करना बहुत जरूरी है. इसके लिए भगवान गणेश को धूप और दीप दिखाएं और भोग लगाएं. इसके बाद बप्पा को विदा करने से पहले उनसे भूल चूक की माफी मांगें और अगले बरस जल्दी आने की कामना करें. इसके बाद गणपति बप्पा की प्रतिमा को जल में विसर्जित करें. हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि गणपति बप्पा को चढ़ाई चीजों को जल में प्रवाहित न करें.


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