धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि के इस दिन बन रहा है अत्यंत शुभ संयोग, मिलता है मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

Tulsi Rao
2 April 2022 4:51 PM GMT
नवरात्रि के इस दिन बन रहा है अत्यंत शुभ संयोग, मिलता है मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
x
आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि का कौन सा दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है और किस प्रकार मां लक्ष्मी की उपासना करनी चाहिए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से लेकर 11 अप्रैल तक चलने वाली है. शास्त्रों के मुताबिक नवरात्रि में एक दिन ऐसा भी होता है जब मां लक्ष्मी की विशेष आराधाना की जाती है. माना जाता है इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन की तमाम आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं. आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि का कौन सा दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है और किस प्रकार मां लक्ष्मी की उपासना करनी चाहिए.

चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है खास
वैसे तो नवरात्रि के पांचवां दिन स्कंदमाता की पूजा का विधान है. लेकिन चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन का संबंध मां लक्ष्मी से भी माना जाता है. ऐसे में इन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा और हवन किया जाता है. मान्यता है कि चैत्र शुक्ल पंचमी का दिन मां लक्ष्मी की आराधना के लिए उत्तम है. इस दिन मां लक्ष्मी की उपासना से विशेष लाभ प्राप्त होता है.
चैत्र शुक्ल पंचमी के दिन कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा
चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि मां लक्ष्मी की उपासना के लिए बेहद खास है. माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी की उपासना करने से आर्थिक समस्या दूर हो जाती है. ऐसे में इस दिन मां लक्ष्मी को धान, गन्ना, गुड़, हल्दी आदि अर्पित करें इसके बाद कमल के फूल और श्रीसूक्त से हवन करें. अगर कमल का फूल उपलब्ध ना हो पाए तो बेल के टुकड़े या सिर्फ घी से हवन कर सकते हैं. हवन के बाद मां लक्ष्मी को सुहाग की सामग्री अर्पित करें. ऐसा करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही धन-वैभव का आशीर्वाद मिलता है.
मां लक्ष्मी के हैं 8 स्वरूप
मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए चैत्र नवरात्रि के दौरान महालक्ष्मी के 8 रूपों की पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. साथ ही धन-वैभव में वृद्धि होती है. धर्म शास्त्रों में मां लक्ष्मी के 8 स्वरूपों का उल्लेख किया गया है. जिन्हें अष्टलक्ष्मी के नाम से जाना जाता है.


Next Story