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Vat Savitri Vrat katha : सोमवार को है वट सावित्री का व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Vat Savitri Vrat Katha 2022: वट सावित्री का व्रत सोमवार, 30 मई 2022 को किया जाएगा। इसे वट सावित्री अमावस्या पूजा के नाम से भी जानते हैं। यह व्रत जेष्ठ माह अमावस्या को मनाया जाता है। वट सावित्री का व्रत पौराणिक कथा में वर्णित सत्यवान और सावित्री को समर्पित है। महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं। आचार्य शुक्ल ने बताया कि 29 मई को अमावस्या तिथि दोपहर करीब तीन बजे से शुरू हो जाएगी। 30 मई को शाम पांच बजे तक रहेगी। बताया कि पंचांगों के अनुसार सांयकालीन अमावस्या में व्रत करने का निर्देश है। ऐसे में 29 मई को ही व्रत रखना शास्त्रोचित होगा। हालांकि अमावस्या तिथि की पूजा 30 मई यानी सोमवार को ही की जाएगी। तीस साल बाद सर्वार्थ सिद्धि योग में सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। वट सावित्री अमावस्या को वट वृक्ष की पूजा की जाती है, लेकिन सोमवती अमावस्या होने के कारण इस बार पीपल के पेड़ का भी पूजन किया जाएगा। महिलाएं पीपल पर श्रृंगार सामग्री अर्पण करते हुए कच्चा सूत लपेटते हुए 108 परिक्रमा करने से अखंड सौभाग्य और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। वट सावित्री पूजा के दौरान कथा पढ़ने या सुनने का भी महत्व है। आगे देखिए वट सावित्री व्रत की पूरी कथा-