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धर्म-अध्यात्म
वास्तुदोष: पवनपुत्र हनुमानजी के यह चित्र कई समस्याओं से लगाते हैं पार
Deepa Sahu
18 May 2021 3:49 PM GMT
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मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से हनुमानजी की भक्ति करता है
मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से हनुमानजी की भक्ति करता है उसकी सभी तरह की मनोकामना अवश्य पूरी होती है। इसके अलावा हनुमानजी अपने भक्तों के संकट भी हर लेते हैं। हनुमानजी साक्षात और जाग्रत देवता है जो आज भी इस पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं। संकटमोचक बजरंगबली थोड़ी सी पूजा-आराधना करने मात्र से जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं। अगर आपके ऊपर कोई ग्रहदोष की छाया पड़ रही है तो हनुमानजी की आराधना करने से बहुत ही लाभ प्राप्त होता है। घर में अगर किसी तरह का वास्तुदोष है तो हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करने से सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर भाग जाती है। समस्त दोषों को दूर करने के लिए घर पर हनुमान जी की अलग-अलग मुद्राओं में उनकी तस्वीर लगाई जाती है।
हनुमानजी की तस्वीर लगाने के नियम
वास्तु शास्त्र में कहा गया कि हनुमानजी की तस्वीर को हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए लगाना चाहिए। दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके हनुमानजी का चित्र इसलिए शुभ है क्योंकि हनुमानजी ने अपना प्रभाव सर्वाधिक इसी दिशा में दिखाया है। हनुमानजी की तस्वीर लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली बुरी ताकत हनुमाजी का चित्र देखकर लौट जाती हैं। वास्तु के अनुसार घर के कुछ हिस्सों में हनुमानजी की फोटो नहीं लगाना चाहिए जैसे-अपवित्र स्थान पर, सीढ़ियों के नीचे, रसोईघर, और शयन कक्ष में...
पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति
जिसके घर में पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति होती है, वहां उन्नति के मार्ग में आने वाली सभी परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही धन-सपंत्ति में बढ़ोत्तरी होती है। इसके अलावा अगर आपको लगता है कि घर पर नकारात्मक शक्तियों का असर है तो आप हनुमानजी का शक्ति प्रदर्शन की मुद्रा में तस्वीर लगाएं।
लाल रंग के हनुमानजी
घर की दक्षिण दिशा वाली दीवार पर लाल रंग की बैठी हुई मुद्रा में हनुमान जी का चित्र लगाने से दक्षिण दिशा से आने वाली नकारात्मक ऊर्जाएं एवं बुरी ताकतें दूर होती हैं, धीरे-धीरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा जिससे सुख-शांति आएगी। इसी प्रकार घर के प्रवेश द्वार पर पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा लगाने से बुरी आत्माएं प्रवेश नहीं करतीं।
भक्ति में लीन हनुमानजी की मूर्ति
सेवा या समर्पण के लिए हनुमानजी की ऐसी मूर्ति की आराधना करनी चाहिए जिसमें हनुमानजी भगवान राम की सेवा में लीन होते हुए दिखाई देते हों।
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