धर्म-अध्यात्म

Vastu Tips: सौभाग्‍य की प्राप्ति के लिए महिलाएं करें वास्‍तु के ये उपाय

Sanjna Verma
19 July 2024 4:19 PM GMT
Vastu Tips: सौभाग्‍य की प्राप्ति के लिए महिलाएं करें वास्‍तु के ये उपाय
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Vastu Tips: घर का वास्तु संतुलित हो, तो उसका शुभ प्रभाव बेटी की शादी से लेकर घर के प्रत्येक सदस्य के सुख-दुख पर पड़ता है। वास्तु और नारी के बीच संबंधों व संतुलन से पैदा होने वाली उपयोगी ऊर्जा घर-परिवार के लिए सुख-समृद्धि का वरदान बनती है। विश्व की समस्त महिलाएं, माता-बहनें अगर वास्तु के सुनहरे नियमों का पालन करें तो किसी के भी दुखी जीवन को निःसंदेह सुखी जीवन में बदला जा सकता है। सास-ससुर की सेवा के उपरान्त भी अगर मेवा न मिले, बात-बात पर सभी नाराज रहें, स्वयं सर्वांग सुन्दरी होते हुए भी अगर पति भटकने लगे तो शास्त्रोचित नियम एवं उपयोग का अनुसरण कर घर-परिवार में सुख-शांति बहाल की जा सकती है।
शादी-शुदा महिलाएं मांग में सिंदूर हमेशा लगाएं, धर्मशास्त्रों में lucky स्त्री को मांग में नित्य सिंदूर भरने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि यह स्थान ब्रह्मरंध और अहिम नामक मर्म के ठीक ऊपर है, जो पुरुष की अपेक्षा स्त्री में अधिक कोमल होता है। सिंदूर में पारा जैसी धातु अधिकता में होने के कारण चेहरे पर जल्द झुर्रियां नहीं पड़तीं। इससे स्त्री के शरीर में स्थित वैद्युतिक उत्तेजना नियंत्रित होती है। यह मर्म स्थान को बाहरी बुरे प्रभावों से भी बचाता है।
सुरक्षा की दृष्टि से स्त्रियों को अपना आभूषण, जेवर, अपने घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) में रखने चाहिए।
स्त्रियों को चाहिए कि वे दहलीज पर बैठकर कभी भोजन न करें।
प्रत्येक स्त्री पति के बाईं तरफ शयन करें एवं पति के जगने से पूर्व ही जगे तथा सुबह जितनी जल्दी हो सके, स्नान-ध्यान कर अपनी दिनचर्या प्रारम्भ करें।
घर में चाहे कितने भी नौकर-चाकर क्यों न हों, अपने निजी कक्ष में कोशिश करें स्वयं झाड़ू लगाकर साफ-सफाई करें।
प्रत्येक गृहस्वामिनी यथासम्भव पति को स्वयं खाना परोसें तथा पति की थाली स्वयं उठाए, तो पति द्वारा विशेष मान-सम्मान प्राप्त होगा।
अनिष्ट ग्रहों के कुप्रभाव के कारण कई बार प्रेम-विवाह के मामले में लड़कियां गलत निर्णय ले लेती हैं और बाद में पछताती हैं। वास्तु नियमों के अनुसार यदि कन्या का शयन कक्ष पश्चिम या दक्षिण में है, तो उसके विवाह में अड़चनें आ सकती हैं।
लाख कोशिशों के बावजूद बात नहीं बन पाती है, वायव्य कोण, उत्तर-पश्चिम का शयनकक्ष उसके लिए अत्यंत उपयुक्त है।
घर के आंगन से पानी अगर दक्षिण दिशा अथवा दक्षिण-पश्चिम (southwest corner) की ओर से बाहर बह जाता हो, तो उस घर की स्त्रियों के स्वास्थ्य के लिए शुभ नहीं होता है।
लक्ष्मी की चाहत रखने वाली स्त्रियों को झाड़ू को कभी पैर नहीं लगाना चाहिए।
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