धर्म-अध्यात्म

Vastu Tips: जानिए कैसे जूत-चप्पल बिगाड़ती है भाग्य

Sanjna Verma
26 July 2024 4:45 PM GMT
Vastu Tips: जानिए कैसे जूत-चप्पल बिगाड़ती है भाग्य
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Vastu Tips वास्तु टिप्स: माना जाता है कि व्यक्ति की पहचान में उसके कपड़े और जूते में महत्वपूर्ण कारक हैं, लेकिन कोई कितने भी अच्छे कपड़े पहन ले, अगर जूते ठीक नहीं है तो व्यक्ति को महत्व नहीं दिया जाता। ज्योतिष शास्त्र में मानव जीवन की धुरी हर वस्तु पर किसी ने किसी ग्रह को संबध रखती है। काल पुरुष सिद्धांत के अनुसार व्यक्ति की कुंडली का आठवां भाव पैरों के तलवों से संबंधित है और पैरों के जूते भी आठवें भाव को
महत्व
देते हैं। कुछ जूते दुर्भाग्य का सूचक होते हैं। इनको पहनने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक और कार्यक्षेत्र से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसे जूतों के दोष के कारण कई काम बिगड़ जाते हैं। जानिए ज्योतिष की दृष्टि से जूतों का गणित।
-कभी भी उपहार में मिले हुए जूते नहीं पहनने चाहिए। इसे Shani Dev कार्य मे बाधाएं डालते हैं। जूते ना तो किसी से उपहार में लेने चाहिए और ना ही देने।
-चुराए हुए जूते कभी भी ना पहने। कई बार मंदिर और कीर्तन आदि स्थानों से जूते अथवा चप्पल की चोरी जाती हैं। चोरी करने वाले ध्यान रखें कि चोरी के जूते चप्पल पहनने से वह अपने स्वास्थ्य और धन का विनाश कर रहा है।
-उधड़े हुए अथवा फटे जूते पहनकर नौकरी ढूंढने अथवा महत्वपूर्ण कार्य के लिए न जाए, असफलता मिलेगी।
-ऑफिस या कार्यक्षेत्र में भूरे रंग के जूते पहनकर जाने से व्यक्ति के कार्यों में अक्सर बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
-चिकित्सा और लोहे से संबंधित व्यक्तियों को कभी भी सफेद जूते नहीं पहननी चाहिए।
-जल से संबंधित और आयुर्वेदिक कार्यों से जुड़े लोगों को नीले रंग के जूते नहीं पहनने चाहिए।
- कॉफी रंग के जूते बैंक कर्मचारियों और अध्ययन क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को नहीं पहनी चाहिए। इससे आपकी कार्यशैली में दिक्कतें बनी रहती हैं। आपके कार्य को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है।
-अपने जूते अथवा चप्पल की पॉलिस और चमक सदैव बनी रहनी चाहिए। यह आपके व्यक्तित्व का प्रभाव दूसरे लोगों पर छोड़ती है।
- ज्योतिष और वास्तु में जूते-चप्पल (मृत चर्म) शनि राहु के कारक हैं। जब भी हम अपने बेडरूम में जूते रखते हैं तो पति-पत्नी के बीच का लगाव एवं सम्मान धीरे-धीरे कम होता जाता है।
- जो व्यक्ति बाहर से आकर अपने चप्पल, जूते, मोजे इधर-उधर फेंक देते हैं, उन्हें शत्रु बहुत परेशान करते हैं। कार्य में बाधा उत्पन्न होती हैं और उनकी कार्य योजना ठीक प्रकार से पूर्ण नहीं हो पाती।
- जूते पहनकर भोजन करने से शरीर में धीरे-धीरे नकारात्मकता आ जाती है और शरीर की पवित्रता भंग हो जाती है।
-घर में जूतों के लिए अलग स्थान रखें। कभी भी मंदिर अथवा रसोई में जूते चप्पल पहनकर न जाएं।
-रसोई में महिलाएं अक्सर काम करती हैं। रसोई के लिए अलग से Plastic चप्पल या कपड़े के जूते प्रयोग कर सकती हैं। ये जूते-चप्पल केवल रसोई में ही प्रयोग करें।
- भगवान को भोग लगाते समय अथवा खाना परोसने के समय जूते निकाल कर उचित स्थान पर रखें।
-वास्तु शास्त्र के अनुसार जूते-चप्पल रखने का शुभ स्थान दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम माना गया है। इन दिशाओं में उपयुक्त स्थान पर शू रैक बनाएं और उसमें जूते ढककर रखें। मुख्य द्वार पर या मुख्य द्वार के सामने शू रैक बनाना अच्छा नहीं होता है। सीढ़ियों के कोने में बनी शू रैक घर की तरक्की के लिए शुभ नहीं होती है। हमें ऐसी जगहों पर जूते-चप्पल रखने से बचना चाहिए।
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