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Vastu Tips: घर के सजावट करते वक्त भूलकर भी न करें ये काम...जानें महत्वपूर्ण बातें
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | घर की आंतरिक सजावट घर की सुन्दरता में तो निश्चित ही वृद्धि करती है, लेकिन अगर यह वास्तु सम्मत हो तो आपके सौभाग्य में भी वृद्धि का कारण बनती है। घर निर्मित होने के बाद उसकी संरचना में बदलाव करना कठिन होता है, इसलिए घर में स्थित वस्तुओं और आंतरिक सजावट के माध्यम से भी सभी दिशाओं की ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है। वास्तुकार संजय कुड़ी बता रहे हैं घर की आंतरिक सजावट के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स।
1. घर का फर्नीचर
घर के फर्नीचर के जरिए भी आप प्रकृति के त्रिगुणों यानी कि सत्व, रजस और तमस ऊर्जा में संतुलन स्थापित कर सकते हैं। जहां कोणीय और सख्त फर्नीचर रजस ऊर्जा को दर्शाते हैं, तो वहीं नर्म और गोलाकार फर्नीचर तमस ऊर्जा को दर्शाते हैं। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि घर में किसी एक ही गुण वाले फर्नीचर की अधिकता नहीं हो। घर के आकार के अनुसार ही फर्नीचर की व्यवस्था करें क्योंकि कम स्थान में आवश्यकता से अधिक फर्नीचर का होना उस स्थान पर ऊर्जा के सहज प्रवाह में बाधा डालता है। सोने के लिए बनाया गए बेड पर बहुत अधिक चटख रंगों और अजीबोगरीब डिजाईन वाले बेडशीट का प्रयोग न करें।
2. डाइनिंग टेबल और आलमारी
यह वर्गाकार, आयताकार या सरल आकार वाली हो। यह टेबल बहुत अधिक छोटी नहीं होनी चाहिए अन्यथा खाने वालों को असुविधा महसूस हो सकती है। इसके अलावा किताबें रखने के लिए निर्मित आलमारी खुली हुई नहीं होनी चाहिए। इस पर कांच के पारदर्शी दरवाजे लगाए जा सकते हैं।
3. सजावटी वस्तुएं
घर में स्थित सजावटी वस्तुएं सांकेतिक प्रकृति की होती हैं, जिनके अपने अर्थ और प्रभाव होते हैं। यह जिस दिशा में स्थित होती है, उस दिशा के गुणों से इसकी प्रकृति का मिलना बेहद आवश्यक होता है। उदाहरण के लिए एक ऐसी पेंटिंग, जिसमें समंदर के रूप में जल तत्व की अधिकता है, उसे अग्नि तत्व की दिशा आग्नेय कोण में नहीं लगाया जाना चाहिए। हरियाली से युक्त पेंटिंग्स पूर्व दिशा में लगायी जा सकती है। वहीं मैरिड कपल्स को अपनी तस्वीरें दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगानी चाहिए।
4. घर में प्रयुक्त रंग
रंगों का उचित प्रयोग वास्तु में बहुत प्रभावशाली माना जाता है। यह आपको मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप से प्रभावित करता है। वास्तु में प्रत्येक दिशा के लिए कुछ विशेष रंगों का प्रावधान है, लेकिन यह प्रावधान केवल किसी जगह की असंतुलित ऊर्जा के संतुलन के लिए ही है। घर की दीवारों, दरवाजों, खिड़कियों इत्यादि के लिए कुछ सरल रंगों का ही प्रयोग करना चाहिए। जैसे कि लाइट क्रीम, क्रीम, ऑफ-व्हाइट और व्हाइट। घर में काले, लाल व बैंगनी जैसे गहरे रंगों का प्रयोग करने से बचें।ध्यान रखने योग्य कुछ बातें-
1- नकारात्मक प्रभाव वाले चित्रों और मूर्तियों को घर में न लगाएं। ऐसे चित्र या मूर्तियां जिस भी दिशा में लगाई जाएंगी, वह उस दिशा के गुणों के अनुरूप नकारात्मक प्रभाव प्रदान करेगी।
2- घर का आकार अधिक बड़ा न हो तो बहुत अधिक भारी व गहरे रंग वाले पर्दों का प्रयोग न करें। क्रीम जैसे हल्के रंग के पर्दे कमरे में उत्साह का संचार करते हैं। अतः इनका प्रयोग किया जा सकता है।
3- घर की सबसे बड़ी सजावट होती है सरलता और सुव्यवस्था। यानी कि घर को बहुत सारी सजावटी वस्तुओं से भरने के स्थान पर घर में पहले से ही उपस्थित वस्तुओं को सुव्यवस्थित तरीके से रखना अधिक आवश्यक है।