धर्म-अध्यात्म

वास्तु शास्त्र: जानिए तुलसी के पौधे से जुड़े इन नियमों के बारे...

Tara Tandi
19 March 2022 5:08 AM GMT
वास्तु शास्त्र: जानिए तुलसी के पौधे से जुड़े इन नियमों के बारे...
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ये बात तो हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बेहद ही ज्यादा महत्व है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ये बात तो हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बेहद ही ज्यादा महत्व है वहीं ये भी बता दें कि भारतीय संस्कृति में तुलसी को आध्यात्मिक पौधा होने का सम्मान प्राप्त है इसलिए लगभग सभी हिंदू धर्म के लोगों के घर में इसका पौधा ज़रूर मिलता है। वहीं ये भी बता दें कि शास्त्रों में तुलसी के पौधे को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।

रोज तुलसी की पत्ती खाना सेहत के लिए अच्छा होता है। तुलसी में बीमारियों से लड़ने के गुण होते हैं। यह शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है। आयुर्वेद में तो तुलसी को उसके औषधीय गुणों के कारण विशेष महत्व दिया गया है। तुलसी ऐसी औषधि है जो ज्यादातर बीमारियों में काम आती है। इसका उपयोग सर्दी-जुकाम, खॉसी, दंत रोग और श्वास सम्बंधी रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है।
हमारे हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे से जुड़ी कई सारी बातें बताई गई हैं जिसमें बताया गया है कि भगवान विष्णु को तुसली बेहद प्रिय है। यही वजह है कि तुलसी के पत्तों के बिना भगवान विष्णु की पूजा में प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता है। तुलसी में कई बीमारियों से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। वहीं ये भी बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति तुलसी से जुड़े इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो भगवान उनसे नाराज हो जाते हैं और उस परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है।
तो आइए सबसे पहले इन नियमों के बारे में
– अगर आपके भी घर में तुलसी का पौधा है तो ध्यान रहे कि कभी भी भूल से भी तुलसी के पत्तों को चाकू से नहीं तोड़े। इतना ही नहीं हमेशा नहाने के बाद, मां तुलसी का ध्यान करते हुए ही तुलसी के पत्तों को तोड़ना चाहिए। वहीं आपको बता दें कि तुलसी को हमेशा शाम 4 बजे से पहले न ही तोड़ना चाहिए और न ही इतना छूना चाहिए।
– भगवान विष्णु को तुलसी बेहद ही ज्यादा प्रिय है यही कारण है कि तुलसी को रविवार, वीरवार और द्वादशी के दिन नहीं तोड़ा जाता है और अगर ऐसा जो भी व्यक्ति करता है तो उससे भगवान विष्णु क्रोधित हो सकते हैं।
– बता दें कि रविवार के दिन मां तुलसी का व्रत होता है। वो पूरे दिन पूर्ण रूप से व्रत रखती है और इसलिए इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। इसके अलावा ध्यान रहे कि तुलसी के पत्तों को कभी भी बाएं हाथ न तोड़ा जाए।
– शास्त्रों में ये भी बताया गया है कि तुलसी के पत्ते 11 दिनों तक शुद्ध रहते हैं इसलिए जरूरी नहीं की आप रोज़ के पूजन के लिए नए तुलसी के पत्ते तोड़ें। इसकी बजाए आप 1 पत्ते को 11 दिनों तक धो-धो कर पूजा के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
-शास्त्रों के अनुसार बता दें कि कोई भी व्यक्ति को बिना नहाए तुलसी के पत्ते तोड़ कर पूजा करता है, तो भगवान उसे स्वीकार नहीं करते इसलिए ऐसा करने से हमेशा बचें।
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