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धर्म-अध्यात्म
वास्तुशास्त्र: घर में पानी की निकासी ऐसी होगी तो बढ़ेगा धन और तरक्की
Deepa Sahu
11 Aug 2021 2:51 PM GMT
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कभी-कभी धन को इकट्ठा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.
कभी-कभी धन को इकट्ठा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है लेकिन अचानक से वह धन ऐसा बह जाता है, जैसे पानी बह रहा हो। ऐसा कई लोगों के साथ होता है। जब वह अपनी कमाई का हिसाब करने बैठते हैं तो बिना वजहों के खर्च सामने आ जाते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार, ऐसा आपके घर में मौजूद वास्तु दोष की वजह से भी हो सकता है। पानी की तरह धन का बहना इसके लिए पानी की निकासी भी जिम्मेदार हो सकती है। अगर पानी की निकासी घर में सही होगी तो इंसान काफी तरक्की करता है और धन से संबंधित कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। आइए जानते हैं कि पानी की निकासी घर में कैसी होनी चाहिए….
घर में लक्ष्मी का होता है वास
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर जमीन की ढलान और पानी की निकासी पूर्व दिशा की ओर हो तो उस जमीन पर बने घर में लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही घर के सदस्यों की खूब तरक्की होती है और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इस दिशा में पानी की निकासी विकास और विस्तार के लिए अच्छी मानी जाती है।
भाग्य हमेशा देता है साथ
अगर उत्तर दिशा की ओर पानी की निकासी और घर ढलान है तो यह शुभ माना जाता है। इस घर में वास करने वाले लोगों को भाग्य हमेशा साथ देता है और वंश वृद्धि भी होती है। साथ ही धन संबंधित समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है और परिवार के सभी सदस्यों की तरक्की होती है।
पानी के निकास के लिए नहीं है सही दिशा
घर की ढलान और पानी की निकासी अगर पश्चिम दिशा की ओर है तो यह वास्तु के अनुसार शुभ नहीं माना जाता। इसका अशुभ प्रभाव घर के सदस्यों पर पड़ता है। घर के सदस्यों के बीच आपसी कलह बनी रहती है और ज्ञान व धन संबंधित कोई न कोई नुकसान होता रहता है।
अनहोनी की बनी रहती है आशंका
अगर घर में पानी की निकासी और ढलान दक्षिण दिशा की ओर हो तो घर में रहने वाले सदस्यों को रोगों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही कोई न कोई अनहोनी की आशंका भी बनी रहती है। वास्तु के अनुसार, दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है इसलिए इस दिशा में पानी की निकासी नहीं होनी चाहिए। घर के सदस्य कितनी भी मेहनत कर लें, कोई न कोई समस्या उनके साथ बनी रहती है।
मान-प्रतिष्ठा में होती है वृद्धि
अगर पानी की निकासी और घर की ढलान उत्तर-पूर्व दिशा की ओर हो तो घर के सदस्यों का भाग्य हमेशा साथ देता है और मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है। सभी सदस्य शांति से रहते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। इस दिशा में ढलान होने की वजह से लक्ष्मी की भी प्राप्ति होती है।
ऐसे घर में हमेशा रहते हैं वाद-विवाद
अगर घर की ढलान उत्तर-पूर्व से नीची हो तो उस घर में रहने वाले सदस्यों को शत्रुओं का सामना करना पड़ सकता है और आए दिन चोरी होने की आशंका बनी रहती है। साथ ही परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी सही नहीं रहता। वहीं अगर घर की ढलान दक्षिण-पूर्व से नीची हो तब आग लगने का भय लगा रहता है। साथ ही महिलाओं और संतान के लिए यह घर शुभ फलदायी नहीं रहता। ऐसे घर में चोरी, धोखेबाजी, वाद-विवाद, कोर्ट-कचहरी के मामले बने रहते हैं।
आकस्मिक संकट का बना रहता है सामना
अगर घर की ढलान दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर है तो ऐसे घर में रहने वाले सदस्यों को बुरी आदतें जल्दी लगती हैं और कोई न कोई बीमारी लगी रहती है। ऐसे लोगों को आकस्मिक संकट और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दिशा में ढलान होने से नकारात्मक शक्तियों की छाया बनी रहती है और इसमें रहने वाले लोगों का चरित्र भी दूषित होता है और उनके शत्रु भी हमेशा प्रबल रहते हैं।
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