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![Vastu Shastra: भोजन का भूलकर भी न करें तिरस्कार Vastu Shastra: भोजन का भूलकर भी न करें तिरस्कार](https://jantaserishta.com/h-upload/2024/08/03/3921465-untitled-41-copy.webp)
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Vastu Shastra वास्तु शास्त्र: प्रकृति ने मनुष्य को भोजन के रूप में जीवन के लिए जरूरी सबसे बड़ा उपहार दिया है, लेकिन आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर इस आवश्यकता की ही अनदेखी कर देते हैं। वास्तु में भोजन बनाने और भोजन करने को लेकर कुछ आसान से उपाय बताए गए हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में।
हमेशा भोजन करने से पहले अन्न देवता और अन्नपूर्णा माता को धन्यवाद दें। ध्यान रखें कि कभी भी भोजन का तिरस्कार न होने पाए। East direction की ओर मुख कर भोजन करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है, भगवान की कृपा भी प्राप्त होती है। मान्यता है कि पूर्व दिशा की ओर मुख कर भोजन करने से आयु बढ़ती है। सदैव भोजन करने से पहले हाथ, पैर और मुंह को धोएं। इसके पश्चात ही भोजन ग्रहण करें। जमीन पर बैठकर ही भोजन ग्रहण करें।
बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें। ऐसा करने से घर में अशांति आती है। भोजन बनाते समय मन को शांत रखें और परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें। स्वस्थ जीवन जीने के लिए भोजन में सफेद खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें। भोजन में प्रयुक्त होने वाला नमक घर की negativeऊर्जा को भी दूर करने में सहायक है। यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा का आभास हो रहा हो तो शीशे के बर्तन में नमक डालकर घर के किसी भी कोने में रख दें।
इसके अलावा डली वाला नमक लाल रंग के कपड़े में बांधकर घर के मुख्य द्वार पर लटका देने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है। बच्चों के स्नान के पानी में जरा सा नमक डाल दें तो बच्चे सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण रहेंगे।
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Sanjna Verma
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