धर्म-अध्यात्म

बच्चों के कमरे के वास्तु का रखना चाहिए ध्यान

Apurva Srivastav
28 Jan 2023 2:49 PM GMT
बच्चों के कमरे के वास्तु का  रखना चाहिए  ध्यान
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घर में बच्चों का कमरा पूर्व, उत्तर, पश्चिम या वायव्य में हो सकता है। दक्षिण, नैऋत्य या आग्नेय में बच्चों के
हर गृह स्वामी को अपने घर के संपूर्ण वास्तु-विचार के साथ अपने बच्चों के कमरे के वास्तु का भी ध्यान रखना चाहिए। बच्चों की उन्नति एवं बुद्धि प्राप्ति के लिए उनका वास्तु अनुकूल गृह अथवा कमरे में निवास करना आवश्यक है।
आइए जानें 10 खास बातें-
1. घर में बच्चों का कमरा पूर्व, उत्तर, पश्चिम या वायव्य में हो सकता है। दक्षिण, नैऋत्य या आग्नेय में बच्चों के कमरे की सजावट पूर्ण रूप से उनके अनुकूल होनी आवश्यक है तभी वे निरोग रहते हुए उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर होंगे।
2. सर्वप्रथम बच्चों के कमरे का रंग-रोगन पूर्णरूप से उनके शुभ रंग के अनुसार होना चाहिए। आपके बच्चों की जन्मपत्रिका में लग्नेश, द्वितीयेश, पंचमेश ग्रहों में से जो सर्वाधिक रूप से बली हो अथवा बच्चे की राशि ग्रह के अनुसार उसके कमरे का रंग तथा पर्दे होने चाहिए।
3. यदि बच्चे एक या उससे अधिक हों तो जो बच्चा बड़ा हो तथा महत्वपूर्ण विद्यार्जन कर रहा हो, उस अनुसार दीवारों का रंग होना चाहिए। यदि दोनों हमउम्र हों तो उनके कमरे में दो भिन्न-भिन्न शुभ रंगों का प्रयोग किया जा सकता है।
4. पर्दों का रंग दीवार के रंग से थोड़ा गहरा होना चाहिए।
5. बच्चों का पलंग अधिक ऊंचा नहीं होना चाहिए तथा वह इस तरह से रखा जाए कि बच्चों का सिरहाना पूर्व दिशा की ओर हो तथा पैर पश्चिम की ओर। बिस्तर के उत्तर दिशा की ओर टेबल एवं कुर्सी होनी चाहिए।
6. पढ़ते समय बच्चे का मुंह पूर्व दिशा की ओर तथा पीठ पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए।
7. यदि कम्प्यूटर भी बच्चे के कमरे में रखना हो तो पलंग से दक्षिण दिशा की ओर आग्नेय कोण में कम्प्यूटर रखा जा सकता है।
8. यदि बच्चे के कमरे का दरवाजा ही पूर्व दिशा में हो तो पलंग दक्षिण से उत्तर की ओर होना चाहिए। सिरहाना दक्षिण में तथा पैर उत्तर में। ऐसी स्‍थिति में कम्प्यूटर टेबल के पास ही पूर्व की ओर स्टडी टेबल स्थित होनी चाहिए।
9. नैऋत्य कोण में बच्चों की पुस्तकों की रैक तथा उनके कपड़ों वाली अलमारी होनी चाहिए।
10. यदि कमरे से ही जुड़े हुए स्नानागार तथा शौचालय रखना हो तो पश्चिम अथवा वायव्य दिशा में हो सकता है।
Apurva Srivastav

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