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वास्तु के अनुसार हर वस्तु अपना अलग महत्व रखती है, जिससे की कई लाभ और कष्ट दोनों जुड़े रहते हैं। डस्ट- बिन ऐसी चीज है जो सामान्यत: हर घर में पाई जाती हैं। डस्ट- बिन से भी वास्तु दोष उत्त्पन हों सकता हैं। इसलिए ये जानना बेहद जरुरी हों जाता हैं कि डस्टबिन के लिए कोनसी दिशा और दशा होनी चाहिए, ताकि हम उस अनुसार उसकी व्यवस्थित कर सकें, तो आइये जानते हैं डस्ट- बिन से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स।
# पहली चीज डस्ट- बिन ईशान कोना (ईशान कोने का तात्पर्य हैं उतर -पूर्व ) में बिलकुल नहीं होना चाहिए। क्योंकी वो पूजा का स्थान होता हैं। ना पूर्व में होना चाहिए क्योकि वो एनर्जी का स्थान होता हैं। ना आपका पूर्व -पछिम में होना चाहिए। वो अग्नि का स्थान होता हैं।
# डस्टबिन आप पच्छिम में बना सकते हैं। दक्षिण -पच्छिम में बना सकते हैं। और उत्तर -पच्छिम में बना सकते हैं। ये 3 डायरेक्शन हैं। जो वास्तु के अनुसार बहुत शुभ हैं।
# जो आपके घर या ऑफिस का प्रवेश द्वार हैं। वहां पर भी वास्तु के अनुसार कभी भी डस्टबिन नहीं रखना चाहिए। क्योकि जब भी किसी के घर में प्रवेश करते हैं और घर के बाहर डस्टबिन देखते हैं, तो ये बहुत गलत प्रभाव डालता हैं। इसके अलावा ये नेगेटिव एनर्जी लाता हैं। इसलिए इसे गलती से भी बाहर ना रखे। और अगर आपको किसी कारण वर्ष आपको डस्टबिन बाहर रखना पर जाये। तो इसे ऐसे रखे की बाहर से आने वाले आदमी को ये नजर ना आये।
# वास्तु शास्त्र कहता हैं। आपका डस्टबिन कभी भी खुला नहीं होना चाहिए। क्योकि खुला डस्टबिन कूड़े की महक ज्यादा फैलता हैं। जो वास्तु दोष को बड़ाता हैं। इसलिए हमेशा ढकन वाला डस्टबिन इस्तमाल करे ।
# इस बात का ध्यान रखे की आपका डस्टबिन हमेशा साफ-सूत्रा रहे ,ज्यादातर लोग अपने घर के डस्टबिन को साफ़ नहीं रखते। लेकिन वह भी घर के बाकि सामान की तरह आपके घर की एक वस्तु हैं। इसलिए इसे हफ्ते में एक बार अवश्ये अच्छे से साफ़ करे।
# घर के डस्टबिन का रंग हमेशा हल्का होना चाहिए। जैसे की पिंक रंग का ज्यादा भारी रंग के डस्टबिन वास्तु शास्त्र में अशुभ माने गए हैं। जिनसे वास्तु दोष उत्पन होता हैं। और बुरा प्रभाव पड़ता हैं।
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