धर्म-अध्यात्म

20 जुलाई को है वशयनी एकादशी

Ritisha Jaiswal
19 July 2021 2:20 PM GMT
20 जुलाई को है वशयनी एकादशी
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वशयनी एकादशी जिसे हरिशयनी या पद्मनाभ एकादशी के नाम से भी जाना जाता

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वशयनी एकादशी जिसे हरिशयनी या पद्मनाभ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, कल 20 जुलाई दिन मंगलवार को पड़ रही है। हिंदी पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत और पूजन आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार मास के लिए विश्राम करते हैं। इसलिए इन चार मासों में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इन्हें ही सनातन परंपरा में खरमास या चतुर्मास कहते हैं। देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु के व्रत और पूजन का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी का पूजा मुहूर्त और विधि...

पूजा का मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार एकादशी की तिथि 19 जुलाई, सोमवार को रात्रि 09 बजकर 59 मिनट से प्रारंभ हो रही है। जो कि 20 जुलाई को सायंकाल 07 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। लेकिन देवशयनी एकादशी का व्रत उदया तिथि होने के कारण 20 जुलाई को ही रखा जाएगा। व्रत का पारण विधिपूर्वक 21 जुलाई को द्वादशी की तिथि में किया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करने एवं विधिपूर्वक पूजन करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं

जा की विधि
देवशयनी एकादशी के दिन प्रातः स्नान आदि से निवृत्त हो कर भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए। इसके बाद पीले रंग का आसन बिछाकर उस पर विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान विष्णु को धूप, दीप, अछत, पीले फूल चढ़ा कर षोढशोपचार पूजन करें। हाथ में जल और अछत लेकर व्रत का संकल्प ले कर व्रत कथा तथा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की स्तुति इस मंत्र का जाप करके करें... 'सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम्। विबुद्धे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचरम्।।' एकादशी के दिन विधिपूर्वक फलाहार व्रत करके अगले दिन दान-पुण्य के साथ व्रत का पारण करना चाहिए।


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