धर्म-अध्यात्म

विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है वसंत पंचमी

Subhi
31 Jan 2022 2:19 AM GMT
विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है वसंत पंचमी
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इस वर्ष मार्च के महीने में विवाह के कोई शुभ मुहूर्त नहीं हैं। हालांकि फरवरी में विवाह के कई मुहूर्त हैं, परंतु वसंत पंचमी के दिन विवाह की दृष्टि से बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन कई सामाजिक संस्थाएं सामूहिक विवाहों का आयोजन भी करती हैं ।

इस वर्ष मार्च के महीने में विवाह के कोई शुभ मुहूर्त नहीं हैं। हालांकि फरवरी में विवाह के कई मुहूर्त हैं, परंतु वसंत पंचमी के दिन विवाह की दृष्टि से बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन कई सामाजिक संस्थाएं सामूहिक विवाहों का आयोजन भी करती हैं । पंचांगानुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन वसंत पंचमी आती है जो इस बार 5 फरवरी को पड़ रही है। शनिवार की प्रातः आरंभ हुई बसंत की पंचमी तिथि, रविवार की सुबह तक रहेगी। यह दिन वसंत के आगमन का प्रथम दिवस है। पुरानी कहावत है- आया वसंत जाड़ा उड़ंत। यह दिन ऋतु परिवर्तन का परिचायक भी है। भगवान कृष्ण इस उत्सव के अधिदेवता भी हैं। पक्षियों में कलरव,भौरों की गुंजन, पुष्पों की मादकता से युक्त वातावरण वसंत ऋतु की विशेषता है। पशु-पक्षियों तक में कामक्रीड़ा की अनुभूति होने लगती है। वस्तुतः यह मदनोत्सव का आरंभ है। इसी दिन , कामदेव के साथ रति और सरस्वती का पूजन भी होता है। होली का प्रारंभ भी इस दिन से होता है और समापन फाल्गुन की पूर्णिमा पर होलिका दहन पर होता है। जैसे सावन में सब हरा हरा दिखता है, वसंत पर हर जगह पीला रंग दिखता है। पीली सरसों, पीले परिधान, पीली पतंगे, पीले मिष्ठान, वातावरण वासंती हो जाता है।

क्या है पीले रंग का महत्व ?

पीला रंग ज्योतिष में गुरु ग्रह से जुड़ा हुआ है जो ज्ञान, विद्या,अध्यन, विद्वता, बौद्धिक उन्नति आदि का प्रतीक है। इसलिए ज्ञान की देवी माता सरस्वती की आराधना भी इसी दिन की जाती है। विज्ञान की बात करें तो पीला रंग के उपयोग से हमारे रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ता है। पीले रंग के परिधान सूर्य की ऊर्जा से मिलकर हमारे मस्तिष्क को और एक्टिव बनाते हैं। हमारे देश में ऋषि मुनि पीले रंग के परिधानों का उपयोग करते रहे हैं। यही नहीं पीले रंग के खाद्य पदार्थों के सेवन से भी शरीर अधिक हुष्ट पुष्ट रहता है चाहे वह वासंती हलवा हो या स्वर्ण भस्म हो।

वसंत पंचमी शुभ मुहूर्त :

बसंत पंचमी के दिन को माता पिता अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की शुरुआत के लिए शुभ मानते हैं। इस दिन बच्चे की जिह्वा पर शहद से ए बनाना चाहिए। इससे बच्चा ज्ञानवान होता है व शिक्षा जल्दी ग्रहण करने लगता है।

बच्चों को उच्चारण सिखाने के लिहाज से भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है।

6 माह पूरे कर चुके बच्चों को अन्न का पहला निवाला भी इसी दिन खिलाया जाता है।

चूंकि बसंत ऋतु प्रेम की ऋतु मानी जाती है और कामदेव अपने बाण इस ऋतु में चलाते हैं इस लिहाज से अपने परिवार के विस्तार के लिए भी यह ऋतु बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसलिए बसंत पंचमी को परिणय सूत्र में बंधने के लिए भी बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है औप बहुत से युगल इस दिन अपने दांपत्य जीवन की शुरुआत करते हैं।

गृह प्रवेश से लेकर नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी इस दिन को शुभ माना जाता है।

इस दिन कई लोग पीले वस्त्र धारण कर पतंगबाजी भी करते हैं।

पेन, कॉपी और किताबों की भी पूजा

बसंत पंचमी के दिन पेन, कॉपी, किताबों की भी पूजा की जाती है। ऐसा करने से देवी सरस्वती वरदान प्रदान करती हैं। भारत देश के सरस्वती, विष्णु और शिव मंदिरों में इस त्योहार का उत्साह सर्वाधिक होता है अधिकांश स्थानों पर मेले आयोजित किए जाते हैं, जो मुख्यतः संबंधित देवी-देवता को ही समर्पित होते हैं।


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