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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आस्था, विश्वास और श्रद्धा की त्रिवेणी गंगा के किनारे आध्यात्मिक गतिविधियों के नगर वाराणसी के रोशनी से जगमग करते अस्सी घाट, अगरबत्ती के सुगंधित धुएं से भरी हवा, लयबद्ध रात्रि मंत्र, शास्त्रीय वैदिक गंगा आरती, मंत्रोच्चारण और रंगोली, गंगा में तैरते असंख्य प्रज्वलित दीप और फूलों की सुनहरी थालियां, गीत-संगीत की अलबेली छटा और विविध लोकानुरंजन कार्यक्रम पांच दिवसीय गंगा उत्सव भारत की आध्यात्म और संस्कृति के प्रदर्शन के साथ किसी स्वर्गलोक से कम नहीं।उत्तर प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित इस प्रतिष्ठित उत्सव को हर साल देव दीपावली के अवसर पर भव्य रूप में मनाया जाता है, जिसके साक्षी होते हैं लाखों घरेलू और विदेशी पर्यटक। उत्सव के दौरान वाराणसी के गंगा घाटों की अद्भुत और अनुपम छवि और भारतीय संगीत एवं नृत्यों को बढ़ावा देते सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धुनों के साथ मिश्रित गंगा महोत्सव का माहौल सैलानियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।