धर्म-अध्यात्म

वैशाख विनायक चतुर्थी ,जानें संपूर्ण पूजा विधि और नियम

Tara Tandi
11 May 2024 11:03 AM GMT
वैशाख विनायक चतुर्थी ,जानें संपूर्ण पूजा विधि और नियम
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ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन विनायक चतुर्थी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आती है पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी तो वही शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है यह तिथि भगवान श्री गणेश की साधना आराधना को समर्पित होती है
इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा का विधान होता है मान्यता है कि चतुर्थी के दिन गणपति की आराधना करने से भगवान की अपार कृपा बरसती है और दुख परेशानियां दूर हो जाती है। अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह की विनायक चतुर्थी 11 मई दिन शनिवार यानी की आज की जा रही है, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भगवान श्री गणेश की पूजा विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
विनायक चतुर्थी पूजा विधि—
आपको बता दें कि आज विनायक चतुर्थी के दिन उपवास रखने वाले लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद व्रत का संकल्प करें। अब भगवान गणेश के लिए पूजा के स्थान की साफ सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद लकड़ी की चौकी पर हरे वस्त्र को बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें और पूरे विधि विधान से भगवान की पूजा करें श्री गणेश को पुष्प, दूर्वा घास, सिंदूर अर्पित करें साथ ही पूजा में लड्डूओं का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान श्री गणेश के मंत्रों का जाप करें और उनकी आरती पढ़ें फिर सभी में प्रसाद का वितरण करें।
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
विघ्न नाशक मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्
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