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वास्तुशास्त्र: हमेशा इस दिशा में करें पढ़ाई तो परीक्षा में मिलेंगे अच्छे अंक, जानें टिप्स

Deepa Sahu
16 May 2021 12:27 PM GMT
वास्तुशास्त्र:  हमेशा इस दिशा में करें पढ़ाई तो परीक्षा में मिलेंगे अच्छे अंक, जानें टिप्स
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इस समय परीक्षाओं का दौर चलने वाला है.

इस समय परीक्षाओं का दौर चलने वाला है. स्टूडेंट्स परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए सारे उपक्रम कर रहें होंगे. ऐसे में उन्हें एक और प्रमुख चीज का ध्यान रखना चाहिए, वह है उनके स्टडी रूम की स्थिति. इसके सही स्थान पर न होने से स्टूडेंट्स में नकारात्मक भाव का जन्म होता है. इससे वे परीक्षा में कम अंक प्राप्त कर पाते हैं.

वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसी दिशायें होती हैं, जहां पर स्टडी करना मानसिक तनाव और डिप्रेशन का कारण बन जाता है. ऐसे में स्टूडेंट्स कितनी भी मेहनत क्यों न कर ले, पर अच्छे मार्क्स नहीं आते हैं. इस लिए हर स्टूडेंट्स को यह जानना जरूरी होता है कि कहीं वह भी इसी दिशा में बैठकर पढ़ाई तो नहीं कर रहें हैं. अगर ऐसा है तो वे अपने स्थान बदल लें. आइये जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन सी दिशा में बैठकर पढाई नहीं करनी चाहिए.
पश्चिमी वायव्य दिशा: यह दिशा पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में स्थित होती है. इस दिशा में किसी भी तरह से स्टूडेंट्स को पढ़ाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह दिशा पढ़ाई के लिए प्रतिकूल होती है. इस स्थान पर यदि कोई पढ़ाई करता है तो वह उसके लिए मानसिक तनाव और अवसाद का कारण बन सकता है. इस दिशा में कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिसको करने के लिए आपको लम्बे समय तक बैठना पड़े. विशेषकर बौद्धिक क्षमता से जुड़े कार्य.
दक्षिणी नैऋत्य:
यह दिशा दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा के मध्य में स्थित होती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिणी नैऋत्य में बैठकर पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को कठोर परिश्रम करने के बाद भी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त नहीं होते हैं और स्टूडेंट्स को सफलता से वंचित रहना पड़ जाता है. इस लिए इस दिशा में स्टूडेंट्स को अपना स्टडी रूम नहीं रखना चाहिए. बेहतर तो यह होगा कि इस दिशा में अपनी अध्ययन सामग्री भी न रखें.
पूर्वी आग्नेय:
पूर्व दिशा और दक्षिण-पूर्व दिशा के मध्य में पूर्वी आग्नेय दिशा स्थित होती है. हालांकि यह दिशा भी बच्चों की स्टडी के लिए उपयुक्त नहीं होती है. परन्तु पश्चिमी वायव्य और दक्षिणी नैऋत्य की अपेक्षा बेहतर होती है. पूर्वी आग्नेय में बैठकर पढ़ाई करने से स्टूडेंट्स किसी भी विषय की जरुरत से अधिक विश्लेषण करने लग जाते है. परिणाम स्वरूप कार्य को उचित समय में और ठीक ढंग से करने में स्टूडेंट्स की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. स्टडी के लिए सबसे सही दिशा: नौकरी प्राप्त करने के लिए पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए सबसे उत्तम स्थान उत्तर दिशा है. वहीं बच्चों की पढ़ाई के लिए पश्चिम दिशा सबसे उपयुक्त है.


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