धर्म-अध्यात्म

Utpanna Ekadashi 2021: इस दिन है उत्पन्ना एकादशी, जानिए मुहूर्त और पूजन विधि

Rani Sahu
20 Nov 2021 3:26 PM GMT
Utpanna Ekadashi 2021: इस दिन है उत्पन्ना एकादशी, जानिए मुहूर्त और पूजन विधि
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कार्तिक पूर्णिमा के व्रत और पूजन के बाद कल से मार्गशीर्ष या अगहन महीने की शुरूआता हो रही है

Utpanna Ekadashi 2021:कार्तिक पूर्णिमा के व्रत और पूजन के बाद कल से मार्गशीर्ष या अगहन महीने की शुरूआता हो रही है। इस महीने का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस महीने के पूर्व ही चतुर्मास की समाप्ति होती है, इस कारण अगहन में शादी,विवाह के मांगलिक कार्यक्रमों की धूम रहती है। मार्गशीर्ष या अगहन माह में अतिफलदायी उत्पन्ना एकादशी का व्रत और पूजन करने का विधान है। पौराणकि मान्यता के अनुसार इस एकादशी के व्रत और पूजन से मोह-माया के बंधन से मुक्ति मिलती है। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी की तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में....

उत्पन्ना एकादशी की तिथि और मुहूर्त
उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष या अगहन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाई जाती है। पंचांग गणना के अनुसार एकादशी की तिथि 30 नवंबर को सुबह 04 बजकर 13 मिनट से शुरू हो कर , 1 दिसंबर को 02 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत और पूजन 30 नवंबर, दिन मंगलवार को रखा जाएगा। व्रत का पारण नियमानुसार द्वादशी तिथि में 01 दिसंबर को प्रातः 07.34 बजे के बाद किया जाएगा।
उत्पन्ना एकादशी की पूजन विधि
सनातन परंपरा के अनुसार एकादशी के दिन भगवान विष्णु के व्रत और पूजन का विधान है।लेकिन उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ उनकी शक्ति योग माया के भी पूजन का विधान है। इस दिन प्रातःकाल में उठ कर स्नान आदि से निवृत्त हो कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजन के लिए एक चौकी पर विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें। सबसे पहले जल, अक्षत, फूल अर्पित कर हल्दी का तिलक करें। भगवान को धूप, दीप,नैवेद्य अर्पित कर उनकी और योग माया की व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। पूजन के अंत में आरती गाने का विधान है। प्रसाद ग्रहण करके दिन भर यथाशक्ति व्रत रखें और व्रत का पारण अगले दिन स्नाना कर के करना चाहिए।

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