- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- कुंवारी कन्याएं...
धर्म-अध्यात्म
कुंवारी कन्याएं सज-संवर कर 16 दिनों तक करती है ये खास कार्य, जानें इस उत्सव के बारे में
Deepa Sahu
25 Sep 2021 2:04 PM GMT
x
पितृ पक्ष के दौरान पिंडदान और श्राद्ध कर्म के बारे में तो सभी जानते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान पिंडदान और श्राद्ध कर्म के बारे में तो सभी जानते हैं। लेकिन हमारे देश में एक ऐसी जगह है जहां पितृपक्ष को एक उत्सव की तरह ही सेलिब्रेट किया जाता है। यहां 16 दिनों तक कुंवारी कन्याएं पूरी तरह से सजती-संवरती हैं और देवी मां के एक विशेष रूप की पूजा-अर्चना करती हैं। तो आइए जान लेते हैं कि कौन सी है यह जगह जहां पितृपक्ष है 16 दिनों का उत्सव?
मध्य प्रदेश में है यह विशेष जगह
हम जिस स्थान की बात कर रहे हैं वह मध्य प्रदेश का मालवा क्षेत्र की। यह स्थान मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है। यहां एक गजब की परंपरा है, जिसके तहत मालवा की कुंवारी कन्याएं पितृपक्ष के दौरान भित्ती चित्र देवी संजा की पूजा-आराधना करती हैं। इसके अलावा गीत-संगीत और नृत्य का भी आयोजन किया जाता है, जिसका उद्देश्य देवी संजा को प्रसन्न करके पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना होता है।
अरसे से चली आ रही है परंपरा
पितृपक्ष के उत्सव की यह परंपरा कब और कैसे शुरू हुई इस बारे में कोई सटीक जानकारी तो नहीं मिलती। लेकिन लोक मान्यताओं के अनुसार, यह परंपरा अरसे से चली आ रही है। इसके तहत कुंवारी कन्याएं सज-संवर कर 16 दिनों तक नियमित रूप से गोबर से भित्ती यानी कि मिट्टी से बनी दीवार को लीपकर उसके ऊपर सुंदर-सुंदर आकृतियां बनाती हैं। इसके बाद उसे फूलों और रंगों से सजाती हैं। मान्यता है कि ये आकृतियां जितनी सुंदर और आकर्षक होंगी पूर्वज उतने ही प्रसन्न होंगे कि उनके द्वारा शुरू की गई परंपराओं का आज भी अच्छे से निर्वहन किया जा रहा है।
पहले बनाती हैं फिर मिटा देती हैं
दीवारों पर गोबर से बनाई जाने वाली आकृतियों को बनाने के बाद लोकगीतों और मंत्रों से उसकी पूजा होती है। इसके बाद अगले दिन उसे पानी से मिटा दिया जाता है और फिर गोबर से दूसरी कलाकृति बनाई जाती है। इसी तरह नियमितरूप से 16 दिनों तक आकृति बनाकर उसकी पूजा करके अगले दिन मिटाने की परंपरा निभाई जाती है।
इनकी पूजा केवल पितृपक्ष में ही
भित्ती चित्र देवी यानी कि संजा देवी की पूजा केवल पितृपक्ष के दौरान ही की जाती है। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से पूर्वज किसी ने किसी रूप में अपने परिवार के सदस्यों के साथ रहते हैं। साथ ही दीवारों पर बनने वाले भित्ती चित्र से संजा देवी की प्रसन्नता से वह भी प्रसन्न होते हैं और अपने घर-परिवार के सदस्यों को धन-धान्य और स्वस्थ जीवन जीने का आशीर्वाद देते हैं।
Next Story