धर्म-अध्यात्म

अनोखा मंदिर जहां भगवान को चढ़ाया जाता है चाइनीज फूड

Ritisha Jaiswal
25 April 2022 11:34 AM GMT
Unique temple where Chinese food is offered to God
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लेकिन हमारे देश में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां भगवान को चाइनीज फूड का भोग लगता है. यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में नूडल्‍स बांटे जाते हैं.

किसी भी मंदिर में आमतौर पर भगवान को लड्डू या मिठाई का भोग लगता है. प्रसाद के रूप में भी आमतौर पर मिठाई ही बंटता है, लेकिन हमारे देश में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां भगवान को चाइनीज फूड का भोग लगता है. यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में नूडल्‍स बांटे जाते हैं.

कोलकाता में है यह मंदिर
कोलकाता के टंगरा क्षेत्र (Tangra Area) में 'चाईनीज काली मंदिर' है. यह इलाका चाइना टाउन (China Town) के नाम से जाना जाता है. गली में स्थित यह मंदिर तिब्बती शैली का है. इस मंदिर की गली में पुराने कोलकाता और पूर्वी एशिया की खूबसूरत संस्कृति की झलक देखने को मिलती है.
चाइनीज अगरबत्तियों का होता है इस्तेमाल
मंदिर में भोग के रूप में सिर्फ चाइनीज डिशेज ही नहीं चढ़ाई जाती हैं, बल्कि यहां जलाई जाने वाली अगरबत्तियां भी चीन की ही होती हैं. प्रसाद के अलावा यहां की खुशबू भी बाकी मंदिरों से अलग होती है. मंदिर में पूजा-पाठ एक बंगाली पुजारी कराते हैं और बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए यहां खास मौकों पर हाथ से बने कागज जलाए जाते हैं.
चाइनीज प्रसाद चढ़ाने की चमत्कारिक है वजह
मां काली के इस मंदिर (Kali Temple) में चाइनीज प्रसाद चढ़ाए जाने की एक खास चमत्‍कारिक वजह है. लगभग 20 साल पहले यह मंदिर चीनी और बंगाली लोगों के दान से बनाया गया था. इस जगह पर पिछले 60 सालों से एक पेड़ के नीचे ही देवी मां की पूजा की जाती थी.
चीनी लड़के को मिला था नया जीवनदान!
स्‍थानीय लोग बताते हैं कि कई साल पहले एक चीनी लड़का गंभीर रूप से बीमार हो गया था. इस लड़के पर कोई इलाज काम नहीं कर रहा था. एक दिन बच्चे के माता-पिता उसे वहां लेकर आए और पेड़ के नीचे लिटा दिया. इसके बाद उन्होंने देवी मां से प्रार्थना की और चमत्‍कारिक रूप से लड़का ठीक हो गया. इसके बाद यह मंदिर बनाया गया और हिंदू समुदाय के साथ-साथ चीनी समुदाय के लिए भी यह मंदिर आस्‍था का केंद्र बन गया.
इसके बाद चढ़ने लगे चाइनीज प्रसाद
जब चीनी लोगों ने मंदिर में आना शुरू किया तो उन्‍हें देवी मां को भोग भी अपनी संस्‍कृति के अनुसार लगाना शुरू किया. इसके बाद से ही यहां मां को भोग में नूडल्‍स, चॉप्‍सी आदि चढ़ने लगे


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