धर्म-अध्यात्म

केंद्रीय मंत्री को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया कमरे में बंद, बुलानी पड़ी अतिरिक्त पुलिस बल

Nilmani Pal
13 Sep 2023 1:51 AM GMT
केंद्रीय मंत्री को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया कमरे में बंद, बुलानी पड़ी अतिरिक्त पुलिस बल
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जमकर हुआ हंगामा

बंगाल। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभास सरकार को मंगलवार को अपने ही संसदीय क्षेत्र में अपनी ही पार्टी यानी भाजपा कार्यकर्ताओं के गुस्से का शिकार होना पड़ा। पश्चिम बंगाल के बांकुरा में गुस्साए भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें बीजेपी कार्यालय के एक कमरे में करीब दो घंटे तक बंद कर दिया। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मंत्री को वहां से निकाला जा सका।

बांकुरा जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “बांकुरा शहर में पार्टी कार्यालय के अंदर भाजपा के दो समूहों के बीच लड़ाई हुई। वहां केंद्रीय मंत्री भी थे। उन्हें लगभग एक घंटे से अधिक समय तक कमरे में बंद रखा गया। हमें एक फोन कॉल आई, जिसके बाद हम मौके पर पहुंचे। वहां मौजूद भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया और मंत्री को बंद कमरे से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।"

बता दें कि बांकुरा से बीजेपी के सांसद और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभास सरकार मंगलवार की सुबह जिले के पार्टी कार्यालय में एक बैठक करने पहुंचे थे लेकिन गुस्साए पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें पार्टी कार्यालय के एक कमरे में बंद कर दिया। कमरे के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की। बताया जा रहा है कि इसके बाद पार्टी के दो गुटों के बीच हाथापाई भी हुई। केंद्रीय मंत्री ने इस घटना के बारे में बांकुरा में मीडियाकर्मियों को कोई जवाब नहीं दिया। एचटी ने भी उनसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कॉल का जवाब नहीं दिया। दूसरी तरफ बीजेपी प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, “यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और अप्रत्याशित घटना है। पार्टी के पास पूरी जानकारी नहीं है। पार्टी निश्चित रूप से मामले में हस्तक्षेप करेगी और जरूरी कदम उठाएगी।”

भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार एकतरफा फैसले ले रहे थे, जिससे जिले में पार्टी की संगठनात्मक ताकत कमजोर हो रही है। उधर, टीएमसी नेता जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, “वर्तमान में भाजपा के भीतर कई गुट हैं। पार्टी अपनी पकड़ खो रही है और राज्य में हर चुनाव हार रही है। यह भी आरोप लगाया गया है कि 2019 में चुनाव जीतने के बाद से बांकुरा के निवासियों और भाजपा कार्यकर्ताओं को सरकार का चेहरा देखने को नहीं मिला था।"

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