ओड़िशा। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कोलकाता की अपनी यात्रा बीच में ही छोड़ दी और ओडिशा के बालासोर के लिए रवाना हो गए। उनके कुछ घंटों में बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटनास्थल पर पहुंचने की उम्मीद है। ओडिशा के बालासोर में हुए भयावह रेल हादसे के बाद देशभर में बेचैनी का माहौल है. हर किसी को अपने प्रियजनों की सलामती की चिंता सता रही है, जो इन ट्रेनों से सफर कर रहे थे. इस हादसे में 207 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है और 900 से अधिक लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है. वहीं ये भी सामने आया है कि मृतकों और घायलों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. हादसे को लेकर सत्ता में भी काफी हलचल देखी जा रही है. राजनीतिक बयानबाजी की भी शुरुआत हो चुकी है और रेल मंत्री से इसके लिए इस्तीफा मांगा जा रहा है.
ट्रेन हादसा सामने आने के बाद राजनीतिक दल और राजनेता जहां एक तरफ हादसे पर दुख जता रहे हैं तो वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बुरी तरह घिरते नजर आ रहे हैं. राजनीतिक दल उनके इस्तीफे की मांग करने लगे हैं. पश्चिम बंगाल में सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस ने रेलमंत्री का इस्तीफा मांगा है. वहीं इससे पहले सीपीआई सांसद बिनोय विश्वम ने भी कहा कि इस हादसे की जिम्नेदारी लेते हुए रेल मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को पड़ोसी राज्य ओडिशा में हुए भीषण तिहरे रेल हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र ऐसे हादसों को रोकने के लिए ट्रेनों में टक्कर रोधी उपकरणों इंस्टाल किए जाने के बजाय विपक्षी नेताओं की जासूसी करने के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार "जनता को गुमराह" करके राजनीतिक समर्थन हासिल करने के लिए वंदे भारत ट्रेनों और नवनिर्मित रेलवे स्टेशनों का डींग हांक रही है, लेकिन सुरक्षा उपायों की उपेक्षा कर रही है.