धर्म-अध्यात्म

जीवन की किन परिस्थितियों में माता- पिता, पति- पत्नी और संतान शत्रु के समान होता है, जानिए

Bhumika Sahu
5 Sep 2021 2:27 AM GMT
जीवन की किन परिस्थितियों में माता- पिता, पति- पत्नी और संतान शत्रु के समान होता है, जानिए
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आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में बताया कि जीवन की किन परिस्थितियों में माता- पिता, पति- पत्नी और संतान शत्रु के समान होता है. आइए जानते हैं इन परिस्थितियों के बारे में.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य बहुत बड़े विद्वान थे. उन्होंने अपने कूटनीति और राजनीति से चंद्रगुप्त मौर्य को साधारण बालक से सम्राट बना दिया. वे एक कुशल रणनीतिकार, अर्थशास्त्री और राजनीतिकार थे. उन्होंने अपने जीवन में कई ग्रंथों का लिखा था. लेकिन आज भी लोग चाणक्य की नीति शास्त्र को पढ़ना पसंद करते हैं. चाणक्य ने अपनी किताब नीतिशास्त्र में जीवन के हर पहलु के बारे में लिखा है. अगर कोई व्यक्ति इन नीतियों का आचरण करता है तो उसे सफलता जरूर मिलती है. अचार्य चाणक्य की ये नीतियां जीवन के सत्य के बारे में बताती हैं. चाणक्य ने नीतिशास्त्र में कुछ परिस्थितियों में माता – पिता, पति- पत्नी और संतान को भी शत्रु बताया है. आइए जानते हैं कौन सी हैं वे परिस्थितियां .

आचार्य चाणक्य के अनुसार, पिता द्वारा लिया गया कर्ज उसकी संतान के लिए शत्रु के समान होता है. अगर पिता सही समय पर कर्ज नहीं चुका पाता है तो संतान का जीवन कष्टकारी हो जाता है. इस परिस्थिति में पिता अपने संतान के लिए शत्रु की तरह होता है.
एक मां और उसके बच्चों का रिश्ता सबसे ऊपर होता है. लेकिन जब मां अपने बच्चों में भेदभाव करने लगे तो ऐसा व्यवहार संतान के लिए शत्रु के समान होता है. इसके अलावा जिस महिला के अन्य पुरुषों से संबंध होते हैं वे भी अपने बच्चों के लिए शत्रु के समान होती हैं. इसके अलावा जो माता- पिता अपने बच्चों को अशिक्षित रखते हैं. वे अपने संतान के शत्रु के समान होते हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं अत्यधिक सुंदर पत्नी कभी- कभी पति के लिए समस्या बन जाती हैं. इसके अलावा जो पति अपनी पत्नी की रक्षा न कर पाएं वो शत्रु के समान होते हैं.
चाणक्य नीतिशास्त्र में बताया है जो संतान मूर्ख होती है वे अपने माता – पिता के लिए शत्रु से कम नहीं है. मूर्ख संतान माता -पिता के दुख का कारण बनते हैं. इसके अलावा जो संतान अपने माता- पिता की बात नहीं मानती हैं वह संतान किसी शत्रु से कम नहीं होती है. वहीं, जो माता -पिता अपने बच्चों को अच्छी परवरिश और शिक्षा नहीं देते हैं वे अपनी संतान के लिए शत्रु के समान होते हैं.


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