धर्म-अध्यात्म

Mangala Gauri व्रत का उद्यापन , नोट करें संपूर्ण विधि और नियम

Tara Tandi
12 Aug 2024 10:47 AM GMT
Mangala Gauri व्रत का उद्यापन , नोट करें संपूर्ण विधि और नियम
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Mangala Gauriज्योतिष न्यूज़: हिंदू पंचांग के अनुसार अभी सावन का महीना चल रहा है और इस माह महिलाएं मंगला गौरी व्रत करती है जो कि सावन मंगलवार के दिन पड़ता है और यह व्रत माता पार्वती की साधना आराधना को समर्पित होता है शादीशुदा महिलाएं और कुंवारी कन्याओं द्वारा इस व्रत को किया जाता है
मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है साथ ही कुंवारी कन्याओं को मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है और शीघ्र ​विवाह के योग बनने लगते हैं मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा मंगला गौरी व्रत के उद्यापन की सही विधि और पूजा सामग्री की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
मंगला गौरी व्रत उद्यापन —
आपको बता दें कि मंगला गौरी व्रत सुहगिन महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है महिलाएं सावन से शुरु करती हैं और 16 मंगलवार तक मंगला गौरी का व्रत करती हैं इसके बाद 17 मंगलवार के दिन व्रत का उद्यापन किया जाता है। मान्यता है कि बिना उद्यापन के व्रत पूजा का कोई फल नहीं मिलता है।
मंगला गौरी व्रत उद्यापन की विधि—
आपको बता दें कि मंगलागौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल वस्त्र धारण करें अब उद्यापन के दिन व्रत भी जरूर करें। साथ ही पूजा भी करें अब एक लकड़ी का खंभा स्थापित करें और उसके चारों ओर कले के पत्ते बांध दें। कलश की स्थापना करके उस पर मंगल गौरी की प्रतिमा रखें। माता पार्वती को सुहाग की सामग्री, वस्त्र, नथ आदि अर्पित कर पूजा करें। इसके बाद व्रत कथा सुनें। पूजा के दौरान भगवान गणेश का ध्यान करें। ‘श्रीमंगलगौरीयै नम:’ इस मंत्र का जाप करें और अंत में सोलह दीपक से माता की आरती करें। उद्यापन के बाद पुजारी और 16 विवाहित महिलाओं को भोजन कराएं साथ ही जीवनसाथी के साथ मिलकर हवन जरूर करें। तो वही कुंवारी लड़कियां अपने माता पिता के साथ बैठकर हवन करें और भूल चूक के लिए क्षमा मांगे।
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