धर्म-अध्यात्म

Tulsi Vivah 2021 : आज इस शुभ मुहूर्त में करें तुलसी विवाह, जानिए पूजा विधि की पूरी विस्तार

Teja
15 Nov 2021 8:37 AM GMT
Tulsi Vivah 2021 : आज इस शुभ मुहूर्त में करें तुलसी विवाह, जानिए पूजा विधि की पूरी विस्तार
x
तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं। शादी में देरी हो रही हो तो शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं।

तुलसी विवाह इस बार 15 नवंबर को है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम से कराया जाता है। मान्यता है तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं। शादी में देरी हो रही हो तो शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए तुलसी विवाह का विशेष महत्व माना जाता है। जानिए तुलसी विवाह की कैसे करें तैयारी।

तुलसी विवाह सामग्री लिस्ट: पूजा में मूली, आंवला, बेर, शकरकंद, सिंघाड़ा, मूली, सीताफल, अमरुद और अन्य ऋतु, मंडप तैयार करने के लिए गन्ने, भगवान विष्णु की प्रतिमा, तुलसी का पौधा, चौकी, धूप, दीपक, वस्त्र, माला, फूल, सुहाग का सामान, सुहाग का प्रतीक लाल चुनरी, साड़ी, हल्दी।
तुलसी विवाह विधि:
-जिन लोगों को तुलसी विवाह कराना है वह नहा धोकर साफ वस्त्र पहनकर तैयार हो जाएं।
-जिन लोगों को तुलसी जी का कन्यादान करना है वह व्रत रखें।
-शुभ मुहूर्त में तुलसी के पौधे को आंगन या घर की छत पर किसी चौकी पर स्थापित करें।
-एक दूसरी चौकी लें जिस पर शालिग्राम को स्थापित करें।
-चौकी पर अष्टदल कमल बनाकर उस पर कलश स्थापित करें।
-कलश पर स्वास्तिक बनाएं और उसके ऊपर आम के पांच पत्ते रखें।
-एक साफ कपड़े में नारियल लपेटकर कलश के ऊपर रखें।
-तुलसी के गमले पर गेरू लगाएं और उसके समक्ष घी का दीपक जलाएं।
-तुलसी के गमले के पास भी रंगोली बनाएं।
-तुलसी और शालिग्राम जी पर गंगाजल से छिड़काव करें। ध्यान रखें कि शालिग्राम की चौकी की दाएं तरफ तुलसी का गमला रखें।
-तुलसी को रोली और शालिग्राम को चंदन का टीका लगाएं।
-तुलसी के गमले की मिट्टी पर गन्ने का मंडप बनाएं उस पर सुहाग का प्रतीक लाल चुनरी चढ़ाएं।
-फिर तुलसी के गमले को साड़ी लपेटकर उन्हें चूड़ी पहना कर दुल्हन की तरह उनका श्रृंगार करें।
-शालिग्राम जी को पीले वस्त्र पहनाएं।
-तुलसी और शालिग्राम को हल्दी लगाएं। बनाए गए मंडप पर भी हल्दी का लेप लगाएं।
-सबसे पहले कलश और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।-इसके बाद माता तुलसी और भगवान शालिग्राम की धूप, दीप, फूल, वस्त्र, माला अर्पित करें।
-इसके बाद तुलसी मंगाष्टक का पाठ करें।
-हाथ में आसन सहित शालिग्राम जी को लेकर तुलसी जी की सात बार परिक्रमा करें।
-इसके बाद भगवान विष्णु और तुलसी जी की आरती उतारें। भोग लगाएं
-पूजन के बाद प्रसाद का सभी में वितरण कर दें।

तुलसी विवाह मुहूर्त:
द्वादशी तिथि प्रारम्भ- 15 नवम्बर 2021 को 06:39 AM बजे
द्वादशी तिथि समाप्त- 16 नवम्बर 2021 को 08:01 AM बजे
तुलसी विवाह 15 नवंबर दिन सोमवार को

तुलसी स्तुति मंत्र-
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

तुलसी पूजन मंत्र-
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।


Next Story