धर्म-अध्यात्म

सुख-समृद्धि का प्रतीक है तुलसी का पौधा, अगर यह बार-बार सूखने लगे तो समझिए होने वाली है कोई अनहोनी

Tara Tandi
1 Jun 2022 6:34 AM GMT
सुख-समृद्धि का प्रतीक है तुलसी का पौधा, अगर यह बार-बार सूखने लगे तो समझिए होने वाली है कोई अनहोनी
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खी हुई तुलसी के स्थान पर नई तुलसी रोप दें और पुरानी तुलसी को जल में प्रवाहित कर दें।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उज्जैन. ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा हरा-भरा और स्वस्थ होता है वहां कभी कोई परेशानी नहीं आती और देवी लक्ष्मी की कृपा भी उस घर पर हमेशा बनी रहती है। वास्तु शास्त्र में भी तुलसी का महत्व माना गया है। वास्तु के अनुसार, तुलसी निगेटिव एनर्जी को दूर कर पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ावा देती है। लेकिन इसे घर में लगाते समय और उसके बाद कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। अगर घर में लगा तुलसी का पौधा बार-बार सूखने लगे तो ये किसी अनहोनी का संकेत भी हो सकता है। आगे जानिए तुलसी के पौधे से जुड़ी खास बातें…

गलती से भी सूखने न पाए तुलसी का पौधा
तुलसी के पौधे का सूखना बहुत ही अपशकुन माना जाता है। इसलिए इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि गलती से भी तुलसी का पौधा सूखने न पाए। इसके लिए रोज तुलसी की देख-भाल अच्छी तरह से करें। आपके घर में अगर तुलसी का पौधा सूख भी जाए तो उसे ऐसे ही न रखें। सूखी हुई तुलसी के स्थान पर नई तुलसी रोप दें और पुरानी तुलसी को जल में प्रवाहित कर दें।
तुलसी के आस-पास भूलकर भी न रखें ये चीजें

तुलसी के पौधे के पास हमेशा साफ-सफाई रखनी चाहिए और इसके आस-पास जूते-चप्पल, गंदे कपड़े या फिर झाड़ू आदि नहीं रखनी चाहिए। तुलसी को हमेशा साफ हाथों से ही तोड़ना चाहिए अन्यथा तुलसी सूखने लगती है। एकादशी तिथि पर तुलसी के पत्ते नहीं तोडना चाहिए और सूर्यास्त के बाद। ऐसा करने से अशुभ परिणाम मिलते हैं। तुलसी को कभी भी जमीन में नहीं लगाना चाहिए। तुलसी का पौधा हमेशा गमले में लगाना ही सही रहता है।
ये है तुलसी का पौधा लगाने की सही दिशा

पुरातन समय में घर के बीचो-बीच तुलसी लगाई जाती थी, ये घर का ब्र्हमस्थान कहलाता था। लेकिन अब घरों का आकार बदल गया है, इसलिए तुलसी के पौधे के लोग कहीं भी रख देते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए। तुलसी के पौधे को उत्तर दिशा से लेकर पूर्व-उत्तर यानी ईशान कोण में रखना शुभ रहता है। इससे घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और किसी तरह की कोई समस्या भी नहीं आती।


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