धर्म-अध्यात्म

इस दिन होगा तुलसी विवाह, जाने शुभ मुहूर्त और महत्व

Subhi
15 Oct 2022 2:03 AM GMT
इस दिन होगा तुलसी विवाह, जाने शुभ मुहूर्त और महत्व
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तुलसी को सनातन धर्म में सबसे पवित्र पौधा माना जाता है. मान्यता है कि तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है. जिस घर में तुलसी का पौधा (Tulsi Vivah 2022) फलता-फूलता हो, वहां पर मां लक्ष्मी का भी बसेरा बना रहता है. यही वजह है कि तुलसी के पौधे को हरेक मांगलिक और शुभ कार्य में इस्तेमाल किया जाता है. हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का भी प्रावधान है. हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को इस विवाह का आयोजन किया जाता है. इस तिथि को प्रबोधिनी एकादशी या देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है.

इस दिन होगा तुलसी विवाह 2022

मान्यता है देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 महीने की लंबी नींद के बाद जागते हैं. उनके जागने के साथ ही सभी शुभ मुहूर्त खुल जाते हैं. इसी दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार के साथ माता तुलसी का विवाह (Tulsi Vivah 2022) किए जाने की परंपरा भी है. इस विवाह के साथ ही सभी धार्मिक और मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं. मान्यता ((Tulsi Vivah 2022 importance) है कि भगवान शालीग्राम और माता तुलसी की श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना कर पर लोगों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं और विवाह के मार्ग में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं.

जान लें तुलसी विवाह 2022 का शुभ मुहूर्त

तुलसी विवाह 2022: शनिवार 5 नवंबर 2022

कार्तिक द्वादशी तिथि शुरू: 5 नवंबर 2022 शाम 6:08 बजे

द्वादशी तिथि समाप्त: 6 नवंबर 2022 शाम 5:06 बजे

तुलसी विवाह पारण मुहूर्त: 6 नवंबर को दोपहर 1:09:56 से 03:18:49 तक

तुलसी विवाह 2022 का पूरा तरीका

सबसे पहले परिवार के सब लोग सुबह स्नान करें, उसके बाद तुलसी के पौधे के सामने एकत्र हो जाएं. फिर तुलसी के पास एक चौकी पर शालीग्राम को रखें. उसी चौकी पर अष्टदल कमल बनाकर कलश को स्थापित कर लें. फिर उस कलश में शुद्ध जल या गंगाजल भर लें और उस पर स्वास्तिक बनाएं. इसके बाद गेरू लगे तुलसी के पौधे को शालीग्राम के दाहिनी ओर स्थापित कर दें.

इसके बाद तुलसी को 16 श्रंगार करवाएं. फिर दोनों पर धूपबत्ती-दीया जलाएं और साथ ही ऊं तुलसाय नम: मंत्र का जाप करें. इसके बाद गन्ने से विवाह मंडप बनाकर तुलसी माता को चुनरी ओढ़ाएं. फिर हाथों में श्रद्धा के साथ शालीग्राम की चौकी लेकर तुलसी की 7 बार परिक्रमा करवाएं. इसके बाद तुलसी को शालीग्राम के बायीं ओर स्थापित कर दें. फिर दोनों की आरती उतारें. इसके बाद विवाह (Tulsi Vivah 2022) संपन्न होने की घोषणा कर प्रसाद का वितरण कर दें.


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