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धर्म-अध्यात्म
राधा-रानी का स्वरूप है तुलसी, बीच आंगन में नहीं लगाना चाहिए तुलसी का पौधा
Tulsi Rao
21 Dec 2021 5:05 PM GMT

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धार्मिक मान्यता है कि तुलसी में लक्ष्मी का वास होता है. भगवान की पूजा में भी तुलसी का प्रयोग किया जाता है. साथ ही अन्य सभी शुभ कई शुभ कार्यों में तुलसी पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं मं तुलसी को बहुत पवित्र माना गया है. प्रायः सभी हिंदू घरों में तुलसी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि तुलसी में लक्ष्मी का वास होता है. भगवान की पूजा में भी तुलसी का प्रयोग किया जाता है. साथ ही अन्य सभी शुभ कई शुभ कार्यों में तुलसी पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है. कुछ जगहों पर तो इसके बिना पूजा संपन्न नहीं होती. तुलसी के कई वैज्ञानिक लाभ भी बताए गए हैं. जानते हैं कि रविवार को तुलसी क्यों नहीं तोड़ी जाती है. साथ भी रात को तुलसी पत्ते तोड़ने से पहले चुटकी क्यों बजाते हैं.
इसलिए रविवार के दिन नहीं तोड़ी जाती तुलसी
तुलसी को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इसके पत्ते रविवार के दिन तोड़ना चाहिए. इसका धार्मिक कारण है कि रविवार भगवान विष्णु को बहुत अधिक प्यारा है. इसके अलावा भगवान विष्णु को तुलसी भी बहुत प्यारी है. यही कारण है कि रविवार के दिन तुलसी नहीं तोड़ी जाती है. मान्यता ये भी है कि रविवार के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने पर धन की हानि होने लगती है.
तुलसी से जुड़ी दूसरी मान्यता
तुलसी को लेकर दूसरी मान्यता है कि इससे पौधे को आंगन के बीच में नहीं लगाना चाहिए. तुलसी-पौधा लगाने के लिए सबसे शुभ महीना कार्तिक मास होता है. तुलसी-पौधा लगाने के लिए गुरुवार के दिन का चयन करना चाहिए. इसके अलावा तुलसी की पत्तियों को नाखून से खींचकर नहीं तोड़ना चाहिए. साथ ही तुलसी की पत्तियों को चबाना नहीं चाहिए.
रात को चुटकी बजाकर तोड़ें तुलसी पत्ते
धार्मिक ग्रंथों में तुलसी को राधा-रानी का स्वरुप माना गया है. मान्यता है कि शाम के वक्त ये लीला करती हैं. इसी कारण से शाम के समय तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़ी जाती हैं. विशेष परिस्थिति में चुटकी बजाकर या पौधा को हिलाकर पत्तियां तोड़नी चाहिए.
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