धर्म-अध्यात्म

साईं बाबा की कृपा पाने के लिए आजमाएं ये उपाय

Tara Tandi
25 May 2023 8:26 AM GMT
साईं बाबा की कृपा पाने के लिए आजमाएं ये उपाय
x

हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता हैं वही गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और श्रीसाईं बाबा की आराधना व उपासना को समर्पित होता हैं इस दिन भक्त साईं बाबा को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत भी रखते हैं लेकिन इसी के साथ अगर आज के दिन श्री साईं बाबा महिमा स्तोत्रम् का विधिवत पाठ किया जाए तो बाबा की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और सुख समृद्धि भी बढ़ती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं साईं बाबा का ये चमत्कारी पाठ।
श्री साईं बाबा महिमा स्तोत्रम्—
सदा सत्स्वरूपं चिदानन्दकन्दं
जगत्संभवस्थान संहार हेतुं
स्वभक्तेच्छया मानुषं दर्शयन्तं
नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ १ ॥
भवध्वान्त विध्वंस मार्ताण्ड मीढ्यं
मनोवागतीतं मुनिर्ध्यान गम्यं
जगद्व्यापकं निर्मलं निर्गुणं त्वां
नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ २ ॥
भवांभोधिमग्नार्दितानां जनानां
स्वपादाश्रितानां स्वभक्ति प्रियाणां
समुद्धारणार्थं कलौ संभवन्तं
नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ ३ ॥
सदा निम्बवृक्षस्य मूलाधिवासात्
सुधास्राविणं तिक्तमप्य प्रियन्तं
तरुं कल्पवृक्षाधिकं साधयन्तं
नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ ४ ॥
सदा कल्पवृक्षस्य तस्याधिमूले
भवद्भाव बुद्ध्या सपर्यादि सेवां
नृणां कुर्वतां भुक्ति मुक्ति प्रदन्तं
नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ ५ ॥
अनेका शृता तर्क्य लीला विलासैः
समाविष्कृतेशान भास्वत्प्रभावं
अहंभावहीनं प्रसन्नात्मभावं
नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ ६ ॥
सतां विश्रमाराममेवाभिरामं
सदासज्जनैः संस्तुतं सन्नमद्भिः
जनामोददं भक्त भद्रप्रदं तं
नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ ७ ॥
अजन्माद्यमेकं परब्रह्म साक्षात्
स्वयं संभवं राममेवावतीर्णं
भवद्दर्शनात्सम्पुनीतः प्रभोऽहं
नमामीश्वरं सद्गुरुं सायिनाथम् ॥ ८ ॥
श्रीसायीश कृपानिधेऽखिलनृणां सर्वार्थसिद्धिप्रद
युष्मत्पादरजः प्रभावमतुलं धातापिवक्ताऽक्षमः ।
सद्भक्त्या शरणं कृताञ्जलिपुटः सम्प्रापितोऽस्मिप्रभो
श्रीमत्सायिपरेशपादकमलान् नान्यच्छरण्यंमम ॥ ९ ॥
सायिरूपधर राघवोत्तमं
भक्तकाम विबुध द्रुमं प्रभुम्,
माययोपहत चित्तशुद्धये
चिन्तयाम्यहमहर्निशं मुदा ॥ १० ॥
शरत्सुधाम्शु प्रतिमं प्रकाशं
कृपात पत्रं तव सायिनाथ ।
त्वदीय पादाब्ज समाश्रितानां
स्वच्छायया तापमपाकरोतु ॥ ११ ॥
उपासना दैवत सायिनाथ
स्तवैर्मयोपासनिनास्तुतस्त्वम् ।
रमेन्मनोमे तवपादयुग्मे
भृङ्गो यथाब्जे मकरन्द लुब्धः ॥ १२ ॥
अनेक जन्मार्जित पापसङ्क्षयो
भवेद्भवत्पाद सरोज दर्शनात्
क्षमस्व सर्वानपराध पुञ्जकान्
प्रसीद सायीश सद्गुरोदयानिधे ॥ १३ ॥
श्रीसायिनाथ चरणामृत पूर्णचित्ता
तत्पाद सेवनरतास्सततं च भक्त्या ।
संसारजन्यदुरितौघ विनिर्गतास्ते
कैवल्यधाम परमं समवाप्नुवन्ति ॥ १४ ॥
स्तोत्रमेतत्पठेद्भक्त्या योन्नरस्तन्मनाः सदा
सद्गुरोः सायिनाथस्य कृपापात्रं भवेद्धृवम् ॥ १५ ॥
करचरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
श्रवण नयनजं वा मानसं वापराधं ।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व
जय जय करुणाब्धे श्रीप्रभो सायिनाथ ॥
श्री सच्चिदानन्द सद्गुरु सायिनाथ् महराज् की जै ।
राजाधिराज योगिराज परब्रह्म सायिनाध् महाराज्
श्री सच्चिदानन्द सद्गुरु सायिनाथ् महराज् की जै ।
इति श्री साईं बाबा महिमा स्तोत्रम् पूर्ण ||
Next Story