धर्म-अध्यात्म

हनुमान साठिका का पाठ करने से दूर होते हैं संकट

Teja
11 Jan 2022 7:17 AM GMT
हनुमान साठिका का पाठ करने से दूर होते हैं संकट
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मंगलवार का दिन मारुतिनंदन हनुमान जी को समर्पित है। मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म मंगलवार के दिन हुआ था।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जिन लोगों के जीवन में किसी भी तरह का संकट या बाधाएं हो उन्हें इस दिन हनुमान मंदिर में चमेली के तेल का दिया जला कर हनुमान साठिका का पाठ करना चाहिए। हनुमान साठिका पाठ का करने से जीवन के सभी कष्ट और संकट दूर होते हैं। मंगल ग्रह संबंधी दोषों का निराकरण होता है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

हनुमान साठिका
॥ चौपाइयां ॥
जय जय जय हनुमान अडंगी ।
महावीर विक्रम बजरंगी ॥
जय कपीश जय पवन कुमारा ।
जय जगबन्दन सील अगारा ॥
जय आदित्य अमर अबिकारी ।
अरि मरदन जय-जय गिरधारी ॥
अंजनि उदर जन्म तुम लीन्हा ।
जय-जयकार देवतन कीन्हा ॥
बाजे दुन्दुभि गगन गम्भीरा ।
सुर मन हर्ष असुर मन पीरा ॥
कपि के डर गढ़ लंक सकानी ।
छूटे बंध दवतन जानी ॥
ऋषि समूह निकट चलि आये ।
पवन तनय के पद सिर नाये॥
बार-बार अस्तुति करि नाना ।
निर्मल नाम धरा हनुमाना ॥
सकल ऋषिन मिलि अस मत ठाना ।
दीन्ह बताय लाल फल खाना ॥
सुनत बचन कपि मन हर्षाना ।
रवि रथ उदय लाल फल जाना ॥
रथ समेत कपि कीन्ह अहारा ।
सूर्य बिना भए अति अंधियारा ॥
विनय तुम्हार करै अकुलाना ।
तब कपीस की अस्तुति ठाना ॥
सकल लोक वृतान्त सुनावा ।
चतुरानन तब रवि उगिलावा ॥
कहा बहोरि सुनहु बलसीला ।
रामचन्द्र करिहैं बहु लीला ॥
तब तुम उन्हकर करेहू सहाई ।
अबहिं बसहु कानन में जाई ॥
असकहि विधि निजलोक सिधारा ।
मिले सखा संग पवन कुमारा ॥
खेलैं खेल महा तरु तोरैं ।
ढेर करैं बहु पर्वत फोरैं ॥


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