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Tripura Bhairavi Jayanti : त्रिपुर सुंदरी पूजन व महत्व

Tripura Bhairavi Jayanti : त्रिपुरा सुंदरी, या त्रिपुर सुंदरी, भारतीय हिंदू धर्म की देवी शक्ति का एक प्रमुख रूप हैं। वह त्रिपुरा त्रिपुरसुंदरी, महात्रिपुरसुंदरी, त्रिपुरसुंदरी, त्रिपुरनिवासिनी, त्रिपुरभैरवी, अथवा पराभती नामों से भी जानी जाती हैं। त्रिपुरा सुंदरी का महत्त्वपूर्ण स्थान हिंदू धर्म में है, विशेषकर तांत्रिक साधनाओं में। वह शक्ति की देवी मानी जाती हैं, …
Tripura Bhairavi Jayanti : त्रिपुरा सुंदरी, या त्रिपुर सुंदरी, भारतीय हिंदू धर्म की देवी शक्ति का एक प्रमुख रूप हैं। वह त्रिपुरा त्रिपुरसुंदरी, महात्रिपुरसुंदरी, त्रिपुरसुंदरी, त्रिपुरनिवासिनी, त्रिपुरभैरवी, अथवा पराभती नामों से भी जानी जाती हैं।
त्रिपुरा सुंदरी का महत्त्वपूर्ण स्थान हिंदू धर्म में है, विशेषकर तांत्रिक साधनाओं में। वह शक्ति की देवी मानी जाती हैं, जिनका संबंध सृष्टि, संरक्षण और संहार से है। उन्हें सिद्ध योगिनियों और तांत्रिक साधकों का आदि गुरु माना जाता है। त्रिपुरा सुंदरी का पूजन विभिन्न तांत्रिक साधनाओं और उनकी शक्तियों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
उनकी मूल देवी स्थान त्रिपुरा है, जो कि आज के त्रिपुरा राज्य का हिस्सा है। त्रिपुरा सुंदरी को संयुक्त रूप से त्रिपुरा, त्रिपुरसुंदरी और त्रिपुरनिवासिनी कहा जाता है, जो त्रिपुरा नगर की रानी हैं और उन्हें वहाँ का संस्थापिका माना जाता है।
त्रिपुरा सुंदरी की कई प्रतिमाएँ भारत और अन्य स्थानों में पाई जाती हैं, और उनके पूजन का परंपरागत तौर पर कई तांत्रिक सम्प्रदायों में होता है। उन्हें सजीव, सकारात्मक और संयमित शक्ति की प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है।
